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शिव की योगी राह! निजी-सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर सख्त सरकार, आज विधानसभा में पास हो सकता है MP Recovery Bill 2021 - योगी की राह पर शिवराज ला रहे पत्थरबाजी पर कानून

एमपी भी अब यूपी की राह पर चलने को तैयार है. हिंसक आंदोलन के दौरान सरकारी-निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ शिवराज सरकार का विधेयक (Madhya Pradesh Public and Private Property Damage Prevention and Recovery Bill 2021) तैयार है, जिसे आज विधानसभा में पेश किया जाना है. जानें इस कानून के प्रावधान.

Madhya Pradesh Public and Private Property Damage Prevention and Recovery Bill 2021
सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर सख्त सरकार

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Published : Dec 21, 2021, 10:21 AM IST

Updated : Dec 21, 2021, 1:32 PM IST

भोपाल।एमपी भी अब यूपी की राह पर चलने को बिल्कुल तैयार है. अब यहां पत्थरबाजी और हिंसक आंदोलन करने वालों पर लगाम कसने की तैयारी पूरी हो चुकी है. मध्यप्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति नुकसान निवारण एवं वसूली बिल 2021 (Madhya Pradesh Public and Private Property Damage Prevention and Recovery Bill 2021) गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा विधानसभा के पटल पर रखेंगे. विधानसभा से पास होने के बाद ये कानून बन जाएगा. नए कानून के मुताबिक जो कोई भी सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाएगा, उस नुकसान की वसूली उसी से की जाएगी. 16 दिसंबर को इस कानून को कैबिनेट ने मंजूरी दी थी.

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यूपी में ऐसा है क्षतिपूर्ति कानून

  • हड़ताल, बंद, दंगों, लोक अशांति के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर हिंसात्मक कार्यों को करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई तथा इसके फलस्वरूप लोक तथा निजी संपत्ति की क्षति की वसूली के लिए दावा अधिकरण के गठन का प्रावधान उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2020 में किया गया है.
  • देश का पहला संपत्ति क्षति दावा अधिकरण उत्तर प्रदेश में बना है. उपद्रवियों और दंगाइयों के खिलाफ योगी मॉडल देशभर में हिट हुआ है. योगी सरकार के वसूली ट्रिब्यूनल में एक चेयरमैन और एक सदस्य होंगे. अधिकरण में सिविल कोर्ट की सभी शक्तियां विद्यमान होंगी. ट्रिब्यूनल का निर्णय अंतिम होगा. अधिकरण के फैसले के विरुद्ध कहीं अपील नहीं की जा सकेगी.
  • सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश अधिकरण के अध्यक्ष होंगे. संबंधित मंडल के अपर आयुक्त स्तर के अधिकारी इसके सदस्य होंगे. अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए आवेदन मांगा जाएगा. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी चेयरमैन का चयन करेगी. इस कमेटी में अपर मुख्य सचिव गृह एवं प्रमुख सचिव न्याय सदस्य होंगे. दावा अधिकरण के अध्यक्ष की नियुक्ति पांच वर्ष की अवधि अथवा 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो तब तक के लिए की जाएगी.
  • दावा अधिकरण के कार्यालय में दावा आयुक्त एवं उप दावा आयुक्त की नियुक्ति अपर मुख्य सचिव गृह द्वारा की जाएगी. दावा आयुक्त के रूप में राज्य प्रशासनिक सेवा या राज्य अभियोजन सेवा का राजपत्रित अधिकारी होगा. दावा अधिकरण को उसके संचालन के लिए किसी अन्य आवश्यक कर्मचारी वर्ग विशेष रूप से विधिक सलाहकारों की सेवाएं अपर मुख्य सचिव गृह द्वारा उपलब्ध कराई जाएंगी.

कर्नाटक सरकार ने भी अपनाया ये कानून

रेलवे के बाद कर्नाटक कि येदियुरप्पा सरकार ने भी उपद्रवियों के खिलाफ यूपी योगी मॉडल को अपनाया है. क्षति पूर्ति पाने के लिए तीन महीने के भीतर पीड़ित को याचिका दाखिल करनी होगी. मुकदमे के बाद चार्जशीट के आधार पर अधिकरण वसूली की कार्रवाई करेगा.

Last Updated : Dec 21, 2021, 1:32 PM IST

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