भोपाल।मध्यप्रदेश में आयुष्मान कार्ड योजना की शुरुआत फ्री इलाज के लिए गई थी, जिससे गरीबों का मुफ्त में इलाज हो सके, लेकिन अब ये योजना प्राइवेट अस्पतालों के लिए गले की हड्डी बन गई है. दरअसल निजी अस्पतालों को इस योजना से भारी नुकसान हो रहा है. प्राइवेट अस्पताल संचालकों का कहना है कि उन्हें भुगतान नहीं मिल रहा है, जिसके चलते ही ये निर्णय लिया जा रहा है. बता दें कि आज से करीब 622 प्राइवेट अस्पतालों में इस योजना को बंद किया जाएगा.
अस्पतालों में इसलिए बंद होगी आयुष्मान कार्ड योजना: यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि "प्राइवेट अस्पताल संचालक सरकार से खासा नाराज हैं, इनका कहना है कि आयुष्मान योजना के तहत दिए जाने उपचार का भुगतान नहीं किया जा रहा है. बीते 3 से 15 महीनों का 600 से 900 करोड़ रूपए आज तक नहीं दिया गया है, ऐसे में अस्पतालों पर संकट जूझने लगा है और इसी के चलते सभी प्राइवेट अस्पताल संचालकों ने मिलकर फैसला किया है कि आज 15 अप्रैल शाम 5 बजे के बाद प्रदेश के करीब 622 प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से मरीजों का इलाज नहीं किया जाएगा. हम इसे पूरी तरह से बंद देंगे."
पहले समय से होता था भुगतान:यूनाइडेट प्राइवेट हॉस्पिटल्स डायरेक्टर्स एसोसिएशन का कहना है कि "सरकार ने जब 2018 में आयुष्मान योजना शुरू किया था तब सरकार और प्राइवेट अस्पतालों के बीच एक एमओयू साइन हुआ था. इसके तहत आयुष्मान योजना के अंतर्गत आने वाले मरीजों की फाइल अपलोड करने के 30 दिनों के अंदर सरकार इसका भुगतान कर देती थी. इतना ही नहीं अन्य राज्यों के भी मरीजों की फाइल अपलोड करने के 7-10 दिन के अंदर अस्पतालों को भुगतान मिल जाता था. लेकिन पिछले कुछ महीनों से भुगतान नहीं मिला, जिससे कुछ अस्पताल तो अब दिवालिया होने की स्थिति में आ गए हैं."