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MP Election 2023: भाजपा उम्मीदवारों की दूसरी सूची पर बोले कमलनाथ, केंद्रीय मंत्रियों, सासंदों के चुनाव लड़ने का खामियाजा जनता भुगतेगी

MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा तीन मंत्रियों सहित सात सांसदों को उम्मीदवार बनाए जाने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का आरोप है कि एक तरफ जहां मंत्रालय के कामकाज पर असर होगा, वहीं संसदीय क्षेत्र की जनता को खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

Kamal Nath File Photo
कमलनाथ की फाइल फोटो

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 27, 2023, 3:29 PM IST

Updated : Sep 27, 2023, 3:47 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की तीन सूची जारी कर दी है. दूसरी सूची में भाजपा ने तीन केंद्रीय मंत्रियों प्रहलाद पटेल, नरेन्द्र सिंह तोमर और फग्गन सिंह कुलस्ते सहित 7 सांसदों को उम्मीदवार बनाया है. इस पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का आरोप है कि एक तरफ जहां मंत्रालय के कामकाज पर असर होगा, वहीं संसदीय क्षेत्र की जनता को काफी परेशानी उठानी पड़ेगी.

सजावटी उम्मीदवारों से जनता में बढ़ रहा आक्रोश :कमलनाथ ने एक्स पर कहा है, "भाजपा जितने सजावटी उम्मीदवार ला रही है, जनता का आक्रोश उतना ही ज्यादा बढ़ रहा है, कारण स्पष्ट है. जनता मान रही है कि जो मंत्री चुनाव लड़ेंगे, उनका मंत्रालय जो पहले से ही सुप्त है अब और भी निष्क्रिय हो जायेगा, तो फिर जनता के रुके हुए काम कैसे होंगे. इस वजह से आक्रोश बढ़ रहा है."

उन्होंने आगे कहा, "जो सत्ताधारी सासंद चुनाव लड़ेंगे, उनका संसदीय क्षेत्र उपेक्षित होगा, जिसका खामियाजा जनता ही भुगतेगी. इस वजह से आक्रोश बढ़ रहा है. ये तथाकथित बड़े लोग पार्टी के दबाव में बेमन से लड़ेंगे और हारेंगे तो जनता के खिलाफ हो जाएंगे, जिसके कारण जनता उनकी उपेक्षा और उनके उत्पीड़न का शिकार होगी. इस वजह से आक्रोश बढ़ रहा है."

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दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक संगठन के विघटन का दौर:कमलनाथ ने आगे कहा, "यदि भाजपा के कोई एक-दो सांसद जोड़, जुगत, जुगाड़ से चुनाव जीत भी गये तो फिर बाद में विधायक के पद से इस्तीफा देकर आगामी लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे, जिससे उप चुनाव का खर्चा होगा, जो जनता के टैक्स की ही बर्बादी होगी. इस वजह से आक्रोश बढ़ रहा है." कमलनाथ ने कहा, जनता के बढ़ते आक्रोश को देखकर भाजपा के अधिकांश नेता, पदाधिकारी, कार्यकर्ता, सदस्य और समर्थक भूमिगत हो गये हैं तथा जन-सेवा के लिए समर्पित कुछ अच्छे नेता अन्य विकल्प तलाश रहे हैं. ये दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक संगठन के, सबसे बड़े विघटन का दौर है.

(IANS)

Last Updated : Sep 27, 2023, 3:47 PM IST

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