भोपाल। कोरोना के संकट से निपटने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयंसेवी संस्थाओं से चर्चा कर उनसे मदद के लिए आगे आने का आग्रह किया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोविड संकटकाल का सामना सरकार और समाज के परस्पर सहयोग से संभव है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रदेश में स्वयंसेवी संगठनों द्वारा कोविड केयर सेंटर स्थापित करने के लिए की जा रही व्यवस्था और अन्य नवाचारों के लिए आभार माना.
जनसहयोग से मिले 125 ऑक्सीजन कांसेंट्रेटर
इंदौर में राधास्वामी सत्संग व्यास और अन्य सगठनों की पहल पर स्थापित किए जा रहे मां आहिल्या बाई कोविड केयर सेंटर के संबंध में डाॅ. एचएस पटेल और डाॅ. निशांत खरे ने बताया कि कम समय में इस सेंटर को स्थापित करना सरकार और समाज की एकजुटता की वजह से ही संभव हो पाया है. दस फेस के इस केन्द्र में 6 हजार 200 बिस्तर होंगे. प्रथम चरण में 600 बिस्तर की सुविधा कल से शुरू हो रही है. बाॅम्बे हास्पिटल, मेदांता, अपोलो और चैइथराम हॉस्पिटल इस केन्द्र को चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराएंगे. जन सहयोग से 125 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, ऑक्सीजन प्लांट, एक्स-रे मशीन और लैब स्थापित की जा रही है.
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बढ़ाएं जा रहे हैं 700 बिस्तर
भोपाल के सागर समूह के सुधीर अग्रवाल ने बताया कि उनके समूह द्वारा इंजीनियरिंग काॅलेज में 12 एकड़ क्षेत्र में 500 बिस्तर का कोविड केयर सेंटर शुरू किया जा रहा है. इस सेंटर में इलाज की व्यवस्था के साथ-साथ मरीजों को सकारात्मक और आशावादी बनाएं रखने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. उज्जैन सिटीजन फोरम फाॅर कोविड रिस्पांस से जुड़े उज्जैन सेवा भारती के अध्यक्ष रवि सोलंकी ने बताया कि उज्जैन के पुलिस प्रशिक्षण शाला में 200 बिस्तर के कोविड केयर सेंटर की तत्काल व्यवस्था की जा रही है. जिसे 700 बिस्तर तक बढ़ाया जाएगा. यहां उज्जैन के भारतीय चिकित्सा संघ के सहयोग से चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी.
मुख्यमंत्री से लिए सुझाव
जबलपुर में दादा वीरेन्द्र पुरी नेत्र संस्थान द्वारा संचालित कोविड चिकित्सालय के डाॅ. पवन स्थापक ने बताया कि देवश्री नेत्रालय में 250 बिस्तर में से 200 ऑक्सीजन बेड कोविड प्रभावितों के लिए रखे गए हैं. इनमें से 10 आईसीयू बैड हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से डाॅक्टरों से कोविड के संबंध में सुझाव भी लिए गए. अरविन्दों इंस्ट्टीयूट इन्दौर के डाॅ. रवि दोषी ने कहा कि कोरोना मरीजों के साथ उनके परिजनों के अस्पताल में आने से संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ती है. इसलिए कोरोना मरीजों के अस्पतालों में आने पर रोक लगाना जरूरी है.
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विशेष सतर्कता बेहद जरुरी
नेशनल हास्पिटल भोपाल के डाॅ. पीके पांडे ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की संक्रमण से सुरक्षा के लिए व्यवस्था करना जरूरी है. उन्होंने टीकाकरण को मोबाइल वेन के माध्यम से मोहल्लों और कॉलोनियों में कराने की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि इससे टीकाकरण के लिए अस्पताल आने वाले व्यक्तियों में संक्रमण की संभावनाओं को कम किया जा सकता है. अगले तीन-चार हफ्ते विशेष सतर्कता बनाये रखना जरूरी है. मेट्रो हास्पिटल जबलपुर के डाॅ. शैलेंद्र सिंह ने कहा कि एमबीबीएस और नर्सिंग के छात्रों को 10-15 दिन का व्यावहारिक प्रशिक्षण देकर उनकी सेवाएं कोरोना संक्रमण के प्रबंधन में लेनी चाहिए.