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उपचुनाव से पहले कांग्रेस को एक और बड़ा झटका, टिकट नहीं मिलने से नाराज महेंद्र बौद्ध बसपा में शामिल

प्रदेश भर में पार्टी छोड़ दूसरे दलों में शामिल होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता महेंद्र बौद्ध ने कांग्रेस का दामन छोड़ बसपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है. पढ़िए पूरी खबर...

Mahendra Buddhist BSP joins
महेंद्र बौद्ध बसपा में शामिल

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Published : Sep 22, 2020, 6:52 PM IST

भोपाल। प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनावों से पहले कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है. भांडेर विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे महेंद्र बौद्ध ने आज बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया. पूर्व मंत्री बौद्ध के बसपा में शामिल होने से कांग्रेस के लिए इस सीट पर मुश्किलें बढ़ गई हैं. कांग्रेस ने फूलसिंह बरैया को इस सीट से प्रत्याशी बनाया है.

महेंद्र बौद्ध ने बसपा के प्रदेश प्रभारी राम गौतम के समक्ष बसपा की सदस्यता ली, जिन्होंने पिछले दिनों नाराजगी जताते हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. टिकट वितरण में सलाह नहीं लिए जाने के चलते वो नाराज थे और भांडेर विधानसभा क्षेत्र से टिकट चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने फूल सिंह बरैया को भांडेर से टिकट दे दिया.

3 दिनों पहले ही इस्तीफा देते समय उन्होंने नाराजगी जताते हुए लिखा था कि, ‘उपचुनाव ग्वालियर चंबल इलाके में हो रहे हैं और यहां पर अनुसूचित जाति वर्ग की कई सीटें हैं, लेकिन टिकट वितरण में मध्य प्रदेश कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग से कोई राय मशवरा नहीं लिया गया है.’ वहीं उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई थी कि दूसरे दलों से आने वाले लोगों को उपचुनाव में टिकट दिए जा रहे हैं. महेंद्र बौद्ध अनुसूचित जाति वर्ग के बड़े नेता माने जाते हैं, जो दिग्विजय सिंह सरकार में गृह मंत्री जैसे पद पर रहे हैं.

इस सिलसिले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि चुनाव का समय है, आवागमन चलता रहता है. सभी को संतुष्ट करना संभव नहीं होता है, क्योंकि टिकट एक व्यक्ति को ही मिलता है. महेंद्र बौद्ध को कांग्रेस ने बहुत कुछ दिया है. मौजूदा परिस्थितियों में उनके इस फैसले से कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ता है. उन्होंने कहा कि बीएसपी ने लगातार पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ा है. 2018 में भी बीएसपी ने चुनाव लड़ा था. हालांकि कांग्रेस का जनाधार है, जिससे बीएसपी, कांग्रेस को कम और बीजेपी को ज्यादा खतरा है.

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