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जिला जज को मिला नया पदनाम, प्रदेश में बढ़े तीन और निजी विश्वविद्यालय

मध्यप्रदेश सिविल न्यायालय संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पास हो गया है. विधानसभा में सोमवार को आधा दर्जन संशोधन विधेयकों को मंजूरी दे दी गई.

Madhya Pradesh Assembly Building
मध्यप्रदेश विधानसभा भवन

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Published : Mar 1, 2021, 8:10 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा से मध्यप्रदेश सिविल न्यायालय संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पास हो गया है. इसके साथ ही अब जिला न्यायाधीश से लेकर व्यवहार न्यायाधीश द्वितीय वर्ग तक के पदनाम में बदलाव हो गया गया है. विधानसभा में सोमवार को आधा दर्जन संशोधन विधेयकों को मंजूरी दे दी गई. वहीं मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2021 को फिर से पटल पर रखा गया. इस विधेयक पर अब बुधवार को चर्चा होगी.

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न्यायाधीशों के बदले पदनाम

मध्यप्रदेश सिविल न्यायालय संशोधन विधेयक विधानसभा से पास होने के बाद अब अब जिला न्यायधीश, प्रधान जिला न्यायाधीश कहलाए जाएंगे. इसी तरह अपर जिला न्यायाधीश की जगह जिला न्यायाधीश, व्यवहार न्यायाधीश प्रथम वर्ग के स्थान पर व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खंड, व्यवहार न्यायाधीश द्वितीय वर्ग के स्थान पर व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड पदनाम होगा. विधानसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान गृह और विधि मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इस विधेयक से न्यायाधीशों के पदनाम में एक रूपता आएगी. विधानसभा में मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, डाॅ. बीआर अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक को भी विधानसभा से पास कर दिया गया. निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पास होने के बाद तीन निजी विश्वविद्यालय और अस्तित्व में आ गए हैं. एकलब्ध विश्वविद्यालय, दमोह, अरविंदों विश्वविद्यालय, इंदौर और महाकौशल विश्वविद्यालय, जबलपुर के बाद अब प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है.

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