भोपाल। प्रदेश की विकास योजनाओं को चलाने के लिए बजट की कमी को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार लगातार दिल्ली का दरवाजा खटखटा रही है, विभिन्न विभागों के मंत्रियों के अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी लगातार बड़े दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं. पिछले एक माह में सीएम शिवराज पांच बार दिल्ली जा चुके हैं. इस दौरान वे करीब दस से अधिक केंद्रीय मंत्रियों से भी मिले और प्रदेश की जरूरतों के बारे में उन्हें अवगत कराया है. कोरोना संक्रमण के बाद प्रदेश की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है. हालात ये हैं कि अब आर्थिक गतिविधियां चलाने के लिए सरकार को बाजार से कर्ज लेना पड़ रहा है.
शिवराज लगातार जा रहे हैं दिल्ली
मुख्यमंत्री एक बार फिर बुधवार को दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. मुख्यमंत्री दिल्ली में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और केन्द्रीय बिजली व नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से मुलाकात की. गडकरी 16 सितंबर को इंदौर में 9577 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली 1356 किलोमीटर लंबी 34 सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण किये थे. इस दौरान एमपी में प्रोजेक्ट के लिए एक लाख करोड़ रुपए की घोषणा की थी, जिसमें बुदनी से जुड़े तीन नेशनल हाई-वे मंजूर किए थे.
बजट की मांग या नए सीएम की आहट! 40 दिन में 5 बार दिल्ली दरबार में हाजिरी, क्या खतरे में है शिवराज की कुर्सी!
इन मुद्दों पर सीएम शिवराज ने की थी चर्चा
29 अगस्त को सीएम शिवराज केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात किए थे. सीएम तोमर से ग्रीष्म कालीन फसल मूंग और उड़द के उपार्जन का लक्ष्य बढ़ाने तथा स्वास्थ्य मंत्री से कोविड वैक्सीन की डोज की उपलब्धता बढ़ाने और रसायन एवं उर्वरक मंत्री से खरीफ की फसलों के लिए डीएपी और यूरिया के आवंटन की मांग की थी, जबकि खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से राज्य में खेल अधोसंचरना निर्माण के लिए केंद्रीय मदद मांगी थी.
राज्य का बकाया फंड दिलाने का अनुरोध
23 अगस्त को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं रसायन, उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात की थी, तब शिवराज ने फार्मा क्षेत्र के विस्तार के लिए प्रदेश में बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइसेस पार्क की जल्द स्वीकृति देने का अनुरोध किये थे, केन्द्र इसके लिए 1276 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला बल्क ड्रग पार्क और 193 करोड़ की लागत से बनने वाले मेडिकल डिवाइसेस पार्क के प्रस्ताव पहले ही स्वीकृति मिलने के बाद लंबित है. मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मुलाकात की थी और प्रदेश के रुके हुए फंड को दिलाने का अनुरोध किया था. मुख्यमंत्री राज्य के बकाये को लेकर दिल्ली जा चुके हैं. 11 जुलाई को सीएम केंद्रीय कृषि और सामाजिक न्याय विभाग की योजनाओं के लिए करोड़ों की राशि मांगी थी. साथ ही केंद्रीय अंश बढ़ाने की भी मांग की थी.
विद्युत सेक्टर के आधुनिकीकरण पर हुई बात
मुख्यमंत्री ने दिल्ली में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से मुलाकात की थी, इसके बाद सीएम ने कहा कि मोदी सरकार ने बिजली सेक्टर के आधुनिकीकरण का फैसला किया है, इसमें 60 फीसदी केन्द्र अनुदान देगी, बाकी 40 फीसदी बिजली कंपनियों को व्यवस्था करनी पड़ेगी. इस संबंध में मंत्री से चर्चा हुई है, मध्यप्रदेश इससे पूरी तरह सहमत है. वहीं सोलर एनजी पाॅवर की तरफ मध्यप्रदेश बढ़ रहा है, आगर में भूमिपूजन करने जा रहे हैं. ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग सेालर पार्क को लेकर भी चर्चा की गई है.
मंत्री भी लगा रहे दिल्ली की दौड़
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सभी मंत्रियों को भी ज्यादा से ज्यादा केन्द्रीय राशि लाने के लिए लगातार दिल्ली जाने के निर्देश मिले हैं. यही वजह है कि शिवराज कैबिनेट के मंत्री भी लगातार दिल्ली दरबार में दस्तक दे रहे हैं.
- विगत दो माह में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, पंचायत मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, एमएसएमई मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा विभाग से जुड़े विभिन्न प्रस्ताव लेकर दिल्ली जा चुके हैं, इस दौरान मंत्रियों ने विभाग की योजनाओं के संबंध में चर्चा की और ज्यादा से ज्यादा बजट की मांग की है.
- 26 अगस्त को कृषि मंत्री कमल पटेल कृषि अनुसंधान परिषद की बैठक में शामिल होने दिल्ली गए थे, इस दौरान उन्होंने दिल्ली में केन्द्रीय मंत्रियों से चर्चा की थी, वे पिछले माह केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मिले थे.
- 7 सितंबर को ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर दिल्ली दौरे के दौरान केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से मिल चुके हैं. मुलाकात के दौरान उन्होंने 7206 करोड़ की अटकी राशि रिलीज किए जाने को लेकर चर्चा की थी.
- 16 सितंबर को नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह भी केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मुलाकात कर पीएम आवास, स्वच्छ भारत मिशन की बाकी राशि के संबंध में चर्चा की थी, एमपी में पीएम आवास के लिए करीब 10 हजार करोड़ की राशि चाहिए.
दिल्ली से मदद की आस
कोरोना से गड़बड़ाई आर्थिक स्थिति के चलते प्रदेश सरकार को दिल्ली से ही मदद की आस है. हालांकि, कोरोना का असर केन्द्रीय राजस्व पर भी पड़ा है, यही वजह है कि राज्यों की किस्तों में देरी हुई है. प्रदेश सरकार को भी केन्द्रीय अंश के रूप में 44 हजार करोड़ रुपए मिले हैं, जो करीब 52 हजार करोड़ रुपए हुआ करता था. वहीं ग्वालियर-चंबल इलाके में आई बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत राशि का भी राज्य को इंतजार है.
कांग्रेस बोली बदलाव के दिन नजदीक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की बार-बार दिल्ली यात्रा पर कांग्रेस का अपना राग है, कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में बदलाव के दिन नजदीक हैं, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव के मुताबिक जिस तरह से एक के बाद एक बीजेपी राज्यों में बदलाव हो रहा है, उसके बाद अब एमपी का नंबर भी आ गया है. यही वजह है कि शिवराज सिंह लगातार दिल्ली की दौड़ लगा रहे हैं. उधर कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शायराना अंदाज में कहा है कि दिल बहलाने के लिए गालिब खयाल अच्छा है.