भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार वन ग्रामों में खेती करने वाले और पट्टाधारी किसानों को राहत देने जा रही है. ऐसे किसानों को भी जल्द ही फसल बीमा का लाभ प्राप्त हो सकेगा. राज्य सरकार फसल बीमा योजना के दायरे में अब इन पट्टाधारी किसानों को भी शामिल करने जा रही है, ताकि आपदा के दौरान फसल को होने वाले नुकसान कि इन्हें भरपाई की जा सके. सरकार के इस कदम से प्रदेश के करीब दो लाख से ज्यादा पट्टाधारी किसानों को लाभ मिलेगा.
- खाते में डाली जाएगी फसल बीमा की राशि
मध्यप्रदेश में फसल बीमा योजना के तहत 23 लाख 85 हजार 260 किसान लाभान्वित हो रहे हैं. इसमें वन ग्राम के पट्टा धारी किसान शामिल नहीं है. अब राज्य सरकार वन ग्राम के पट्टाधारी किसानों को भी फसल बीमा योजना का लाभ देने की तैयारी कर रही है. कृषि मंत्री कमल पटेल ने इसको लेकर सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं, कि वह वन ग्रामों के पट्टाधारी किसानों का नोटिफिकेशन कर लें, ताकि इन्हें इस योजना का लाभ मिल सके. प्रदेश में करीब एक हजार वन ग्राम हैं, जिसमें पट्टाधारी किसानों की संख्या करीब दो लाख से ज्यादा है.
कृषि मंत्री कमल पटेल ने फ़सल बीमा योजना रथों को झंडी दिखाकर किया रवाना
- 23 मार्च को मिलेगी राहत राशि
मध्य प्रदेश सरकार 23 मार्च को फसल को हुए नुकसान की राहत राशि के रूप में 2000 करोड़ रुपए की राशि डालेगी. उधर मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचा है. इसको लेकर सर्वे किया जा रहा है. कृषि मंत्री कमल पटेल ने ओलावृष्टि और बारिश से हुए नुकसान का वीडियो ग्राफी से आकलन कराने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसानों को मुआवजा दिया जा सके. कृषि मंत्री कमल पटेल के मुताबिक वीडियोग्राफी से फसल नुकसान का सर्वे कराने और पंचनामा तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं. ताकि किसानों को समय पर मुआवजा मिल सके किसानों का संकट सरकार का संकट है और सरकार किसानों के साथ खड़ी है.
- फसल ऋण वसूली एक माह बढ़ाई
उधर वित्तीय वर्ष की समाप्ति 30 मार्च को होने वाली फसल ऋण वसूली की अवधि को 1 माह बढ़ा दिया गया है. कृषि मंत्री कमल पटेल के मुताबिक फसल ऋण वसूली की अवधि को बढ़ाने का मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया था. उन्होंने बताया कि किसानों को उपज की राशि अप्रैल मई माह में प्राप्त होगी. एक माह की अवधि बढ़ने से अब किसानों की मुश्किल कम होगी और वे फसल ऋण की राशि को जमा कर सकेंगे.