भोपाल।मध्यप्रदेश में पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छूते जा रहे हैं. लगभग हर दिन पेट्रोल-डीजल के दामों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. दिल्ली की केजरीवाल सरकार के डीजल-पेट्रोल पर वैट कम करने के बाद अब मध्यप्रदेश में वैट कम करने की मांग उठ रही है. विपक्ष डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दामों को लेकर सरकार को घेरने का खाका तैयार कर रही है, तो वहीं राज्य सरकार उल्टा विपक्ष के सिर पर ही इसका ठीकरा फोड़ रही है.
पेट्रोल-डीजल को लेकर बयानबाजी शुरू कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा, 'दिल्ली सरकार ने डीजल में आठ रुपये की कमी करके जनहित में कदम उठाया है. दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने वैट को 16 फीसदी तक घटा दिया है, मध्यप्रदेश सरकार को भी इससे सीख लेनी चाहिए.' भूपेंद्र गुप्ता ने केंद्र की मोदी सरकार को सुझाव देते हुए कहा, 'केंद्र सरकार को एक्साइज ड्यूटी कम करनी चाहिए.'
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'यदि पीएम मोदी और शिवराज मामा ठान ले कि तो 12 से 15 रुपये प्रति लीटर रेट कम कर सकते हैं. कांग्रेस ने शिवराज सरकार से मांग करते हुए कहा कि डीजल-पेट्रोल पर वैट को घटाया जाए.'
कांग्रेस पर पलटवार करते हुए गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 'कमलनाथ को तो यह अधिकार हीं नहीं है, उन्होंने अपने घोषणा पत्र में डीजल-पेट्रोल पर पांच रुपये कम करने की बात कहीं थी, लेकिन हुआ उल्टा. तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने पेट्रोल पर पैसे बढ़ाए और डीजल पर भी पैसे बढ़ाए.' गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा, 'शीशे के घरों में रहने वाले लोग यदि दूसरों के घरों में पत्थर फेंकेगे तो कैसे काम चलेगा.'
जनता पर दोहरी मार
इन सब के बीच सिर्फ आम जनता को ही डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दामों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. पहले ही कोरोना संक्रमण का खतरा और लॉकडाउन के चलते रोजमर्रा की चीजों के बढ़ते दामों से मध्यप्रदेश की जनता त्रस्त है, इसी बीच लगभग हर दिन डीजल-पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी आम जनता पर भारी पड़ रही है.
बयानबाजी में लगे नेता
आम जनता की फिक्र करने के बजाय पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने में ही लगे हुए हैं. बढ़ते दामों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से लेकर दिग्विजय सिंह और कांग्रेस के कई बड़े नेता सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है, 'हम पिछले कई माह से लगातार मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार से मांग कर रहे हैं कि प्रदेश में जनता को राहत प्रदान करते हुए पेट्रोल-डीजल में लगने वाले करों को कम किया जाए.'
दिल्ली सरकार का उदाहरण
दिल्ली सरकार ने भी जनता को राहत प्रदान करते हुए वैट में कमी की है, तो वहीं सत्ता में बैठे दिग्गज नेता इन बढ़ते दामों के पीछे विपक्ष को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहना है कि डीजल-पेट्रोल के दाम घटाने का वादा कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किया था, लेकिन हुआ ठीक उल्टा, सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने डीजल पेट्रोल पर वैट बढ़ा दिया.
दिल्ली सरकार की प्रशंसा
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राजधानी में डीजल के दाम 8 रुपये 36 पैसे प्रति लीटर घटा दिए हैं. डीजल पर लगने वाले वैट में 30 फीसदी की कमी की गई है. अब दिल्ली में डीजल की कीमत 82 रुपये प्रति लीटर से घटकर 73.64 रुपये प्रति लीटर हो गई है. दिल्ली सरकार के सराहनीय कदम के बाद मध्यप्रदेश में भी लगातार डीजल-पेट्रोल पर लगने वाले करों को घटाने की मांग उठ रही है. लेकिन लगता है कि सरकार में बैठे हैं मंत्रियों और दिग्गजों को आम जनता की परेशानियों से कोई फर्क नहीं पड़ता है.
भोपाल में पिछले 10 दिन में डीजल के दाम-
22 जुलाई से 24 जुलाई तक डीजल के दाम में बढ़ोत्तरी नहीं हुई, इन तीन दिनों में डीजल 80.95 रुपये प्रति लीटर रहा.
25 जुलाई- 81.10 रुपये प्रति लीटर, 0.15 पैसे बढ़ा दाम.
26 जुलाई- 81.23 रुपये प्रति लीटर, 0.13 पैसे बढ़ा दाम.
27 जुलाई- 81.23 रुपये प्रति लीटर, 00.00 पैसे बढ़ा दाम.
28 जुलाई- 81.25 रुपये प्रति लीटर, 0.02 पैसे बढ़ा दाम.
29 जुलाई- 81.23 रुपये प्रति लीटर, 0.02 पैसे घटा दाम.
30 जुलाई- 81.30 रुपये प्रति लीटर, 0.07 पैसे बढ़ा दाम.
31 जुलाई- 81.23 रुपये प्रति लीटर, 0.07 पैसे घटा दाम.