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किसानों को मिले गुणवत्तापूर्ण खाद और बीज, सीएम ने समीक्षा बैठक में दिए निर्देश

मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में खरीफ आदान व्यवस्था की समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें खरीफ की फसलों के भंडारण और संग्रहण को लेकर चर्चा की गई , साथ ही किसानों को असुविधा से बचाने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए गए.

Kharif exchange review meeting
खरीफ आदान व्यवस्था की समीक्षा बैठक

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Published : Apr 23, 2020, 1:01 PM IST

भोपाल। मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में खरीफ आदान व्यवस्था की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में मुख्य रूप से कृषि मंत्री कमल पटेल, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त केके सिंह, प्रमुख सचिव कृषि अजीत केसरी, प्रमुख सचिव सहकारिता उमाकांत उमराव, संचालक कृषि संजीव सिंह बैठक में उपस्थित थे.

खरीफ आदान व्यवस्था की समीक्षा बैठक
समीक्षा बैठक के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि, खरीफ के लिए किसानों को पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तायुक्त खाद और बीज उनकी आवश्यकता अनुसार प्राप्त हो जाएगा. प्रदेश में डीएपी, यूरिया आदि खाद की पर्याप्त उपलब्धता है, जो किसानों को सहकारी समितियों एवं व्यापारियों के माध्यम से आसानी से मिल जाएंगी. किसान अपनी खाद, बीज की मांग संबंधित सहकारी संस्था में लिखवा दें.


खाद का अग्रिम भंडारण

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि, सभी सहकारी संस्थाओं में खाद का अग्रिम भंडारण कर लिया जाए .लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं के वाहनों के आवागमन पर कोई रोक नहीं है. साथ ही सीएम ने निर्देश दिए कि, प्रदेश में कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा की फसलों को प्रोत्साहित किया जाए. ये फसलें स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती हैं तथा डायबिटीज जैसी बीमारियों में लाभदायक हैं. वहीं बैठक में कृषि मंत्री कमल पटेल ने सुझाव दिया कि सोयाबीन के बीज की कमी को देखते हुए मक्के को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. इससे सभी किसानों को अच्छा लाभ प्राप्त होगा.

खराब बीज न हों, यह सुनिश्चित करें

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि, गत वर्ष सोयाबीन की फसल को काफी नुकसान हुआ था, जिसके कारण इस वर्ष सोयाबीन के बीज की कुछ कमी है. इस बार लक्ष्य 12.15 लाख क्विंटल सोयाबीन बुआई का है, जिसमें से 7.56 लाख क्विंटल सोयाबीन का बीज उपलब्ध है, तथा शेष की व्यवस्था की जानी है, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि, यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को दिए जाने वाला बीज खराब ना हो. वह उत्तम गुणवत्ता का ही होना चाहिए.

जिलेवार समीक्षा करें

सहकारी समितियों एवं निजी क्षेत्रों से किसानों को खाद की आपूर्ति के अनुपात के विषय में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि इस संबंध में जिलेवार समीक्षा की जाए, तत्पश्चात निर्णय लिया जाएगा. हर जिले में यह सुनिश्चित किया जाए कि, खाद, बीज आदि की किसी भी हालत में कालाबाजारी ना हो, अन्यथा दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.

144.6 लाख हेक्टेयर बुआई का लक्ष्य

बैठक में प्रमुख सचिव कृषि ने बताया कि, इस बार खरीफ के अंतर्गत प्रदेश में 144.6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बुआई का लक्ष्य रखा गया है. सर्वाधिक 60 लाख हेक्टेयर सोयाबीन का लक्ष्य है. धान का लक्ष्य 31 लाख हेक्टेयर, उड़द का लक्ष्य 17.50 लाख हेक्टेयर है, मक्का का 16 लाख हेक्टेयर, कपास का 6.50 लाख हेक्टेयर, अरहर का 4.50 लाख हेक्टेयर, तिल/ राम-तिल का 4.50 लाख हेक्टेयर, मूंगफली का 2.50 लाख हेक्टेयर, मूंग का 2 लाख हेक्टेयर तथा अन्य दलहन का 0.10 लाख हेक्टेयर लक्ष्य रखा गया है.

6.05 लाख मी.टन उर्वरक का अग्रिम भण्डारण

बैठक में बताया गया कि, प्रदेश में प्रमुख उर्वरकों का 6.05 लाख मी.टन अग्रिम भण्डारण कर लिया गया है, जबकि इनका लक्ष्य 9.40 लाख मी. टन रखा गया है. यूरिया के 4 लाख मी.टन लक्ष्य के विरूद्ध 1.42 लाख मी.टन, डीएपी 4 लाख मी.टन में से 3.60 लाख मी. टन, कॉम्प्लेक्स 1 लाख मी.टन के विरूद्ध 0.73 लाख मी. टन तथा पोटास 0.40 लाख मी.टन के विरूद्ध 0.30 लाख मी. टन का अग्रिम भंडारण किया जा चुका है.

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