मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

मोदी कैबिनेट में जगह मिलने से 'महाराज' खुश, बोले- पूरी शिद्दत से निभाऊंगा जिम्मेदारी

मोदी कैबिनेट में जगह मिलने के बाद सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि पूरी शिद्दत से वह ये जिम्मेदारी निभाएंगे

jyotiraditya scindia
सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया

By

Published : Jul 7, 2021, 9:56 PM IST

Updated : Jul 7, 2021, 10:05 PM IST

भोपाल/दिल्ली।मोदी कैबिनेट में मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी जगह मिली है. जिसपर उन्होंने खुशी जताई है. मीडिया से बातचीत में सिंधिया ने कहा कि यह जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह ने भरोसा जताते हुए सौंपी है, इसे वह पूरी शिद्दत से निभाएंगे. अपने पूर्व अनुभव का हवाला देते हुए सिंधिया ने आगे कहा कि पिछले 20 सालों में उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी गई, उसे उन्होंने पूरे मन से निभाया, आगे भी वह ऐसा ही करेंगे.

पूरी शिद्दत से निभाऊंगा जिम्मेदारी

Modi Cabinet Expansion : 43 मंत्रियों ने ली शपथ, पीएम बोले- समृद्ध भारत के लिए करेंगे काम

सिंधिया ने कहां से प्राप्त की शिक्षा -दीक्षा

ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रारंभिक शिक्षा कैंपिनय स्कूल और देहरादून स्थित दून स्कूल से हुई. 1993 में इन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में बीए किया तो वहीं 2001 में इन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एमए किया.

यह भी कोई छुपी हुई बात नहीं कि भले ही मध्य-प्रदेश में बीजेपी की सरकार रही हो लेकिन ग्वालियर चंबल-अंचल में सिंधिया को सीधी टक्कर देना किसी के बूते की बात नहीं रही.

संक्षेप में राजनैतिक सफर

30 सितम्बर 2001 को पिता माधवराव सिंधिया की हवाई दुर्घटना में मौत के बाद 18 दिसम्बर को ज्योतिरादित्य राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से जुड़ गए.

24 फरवरी 2002 को पिता की गुना सीट से चुनाव लड़कर 4 लाख पचास हजार के मार्जिन से थम्पिंग विक्ट्री हासिल की औल सांसद बने.

2002 की जीत के बाद वो 2004, 2009 और 2014 में भी सांसद निर्वाचित हुए.

2007में केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री के रूप में केन्द्रीय मंत्री परिषद में शामिल किए गए.

2009 में तीसरी बार सांसद बनने पर वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री बनाया गया.

2019 के चुनाव में वे अपने ही एक पूर्व निजी सचिव केपीएस यादव से हार गए. केपीएस ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था.

सख्त हैं महाराज

ज्योतिरादित्य सिंधिया के मातहत काम करने वाले लोग और इनके काम को करीब से देखने वाले लोग मानते हैं, कि ये सख्त फैसले लेने में देरी नहीं करते. यूपीए सरकार में उनकी छवि एक ऐसे मंत्री की थी. जो सख्त फैसले लेता था, शायद यही वजह है कि पार्टी के भीतर ही इनके विरोध में सुर उठने लगे.

सिंधिया देश के सबसे अमीर राजनेताओं में गिने जाते हैं, जिनकी संपत्ति 25,000 करोड़ रुपए आंकी जाती है. जो उन्हें विरासत में मिली है. सिंधिया को क्रिकेट से खास लगाव था.पिता माधवराव की तरह ये भी क्रिकेट पर पैनी नजर रखते हैं. इनका क्रिकेट को लेकर एक अलग पैशन था .सिंधिया मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के अध्यक्ष भी बने.

आम लोगों का कहना है, कि सिंधिया अपने लोगों और अपने क्षेत्र की जनता के लिए हमेशा खड़े रहते है.

Last Updated : Jul 7, 2021, 10:05 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details