भोपाल।प्रदेश की राजधानी के नामी अस्पताल में आग लगने से एक बार फिर मध्य प्रदेश चर्चाओं में आ गया है. हमीदिया अस्पताल कैम्पस (Hamidia Hospital Campus) के कमला नेहरू चिकित्सालय (kamla nehru hospital) के पीडियाट्रिक्स वार्ड में आग लगने से चार नवजात बच्चों की मौत हो गई. दोषियों पर कार्रवाई के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने कमेटी का गठन कर दिया. कार्रवाई कब होगी या यह भी ठंडे बस्ते में चली जाएगी, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन एमपी में लचर अस्पताल व्यवस्थाओं से लगातार बच्चों की मौतें हो रही हैं. कहने को तो प्रदेश सरकार उत्तम इलाज का दावा करती है. यह उपचार केवल फाइलों में नजर आता है, लेकिन अस्पताल के वेंटिलेटर तक आते-आते दम तोड़ देता है.
एक माह पहले भी लगी थी आग
मध्य प्रदेश में आए दिन बच्चों की मौत के आंकड़े सामने आ रहे हैं. कभी डॉक्टरों की लापरवाही तो कभी अस्पताल का इंफ्रास्ट्रक्चर मौत का कारण बन रहा है. यह कोई पहला मामला नहीं है, जब राजधानी के नामी अस्पताल हमीदिया में आग लगने का मामला सामने आया हो. अब से ठीक एक माह पहले 7 अक्टूबर को भी अस्पताल की नई बन रही बिल्डिंग के दूसरे माले पर ठेकेदार के स्टोर रूम में आग लग गई. तब ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था, लेकिन आग जैसी गंभीर घटना घटी. इससे पता चलता है कि मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आग से निपटने के कितने पुख्ता इंतेजाम हैं.