भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं महाघोटाले को लेकर एसटीएफ की जांच में एक नया मोड़ आ गया है. एसटीएफ 197 शिकायतों में से 23 शिकायतों की क्लोजिंग रिपोर्ट पेश करने की तैयारी कर रही है. ये 23 शिकायतें निजी मेडिकल कॉलेजों, संचालकों, प्रबंधकों और तत्कालीन डीन सहित डीमैट, पीएमटी और अन्य भर्ती परीक्षाओं से जुड़ी हुई हैं.
व्यापमं घोटालाः 197 शिकायतों में से 23 को बंद करने की तैयारी में STF
मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं महाघोटाले में एसटीएफ ने 197 शिकायतों में से 23 शिकायतों पर क्लोजिंग रिपोर्ट लगाने की तैयारी कर रही है.
कांग्रेस ने प्रदेश के सबसे बड़े व्यापमं घोटाले की जांच कराने का वादा किया था. इसके लिए सीएम कमलनाथ ने एसटीएफ को जांच शुरू करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद एसटीएफ ने ऐसी शिकायतों की जांच शुरू की, जिन शिकायतों को सीबीआई ने छुआ तक नहीं था. ऐसी लगभग 197 शिकायतें थीं, लेकिन अब एसटीएफ इन 197 शिकायतों में से 23 शिकायतों पर क्लोजिंग रिपोर्ट लगाने की तैयारी कर रही है. ये शिकायतें साल 2013 से 2015 की अवधि की हैं, जोकि निजी मेडिकल कॉलेजों, संचालकों, प्रबंधकों और डीमैट, पीएमटी परीक्षाओं सहित अन्य भर्ती परीक्षाओं से जुड़ी हुई हैं. इन शिकायतों की जांच बंद करने के पीछे एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि इन शिकायतों पर सीबीआई कार्रवाई कर चुकी है. जिनमें गिरफ्तारियों से लेकर चालान तक पेश किया जा चुका है. इसलिए अब इनकी जांच करने का कोई औचित्य ही नहीं बचता है.
इधर जांच के आदेश मिलने के बाद एसटीएफ ने तीन अलग-अलग एसआईटी का गठन किया था और सभी लंबित शिकायतों की जांच शुरू की थी, लेकिन कई शिकायतों में एसटीएफ को शिकायतकर्ता ही नहीं मिले हैं. कुछ शिकायतकर्ता तो विदेश में रह रहे हैं. कुछ डॉक्टर्स भी इन मामलों में शिकायतकर्ता हैं, लेकिन वह भी बयान दर्ज कराने नहीं पहुंच पा रहे हैं. वहीं व्यापम घोटाले को उजागर करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे का कहना है कि पहले भी एसटीएफ ने व्यापमं घोटाले में निष्पक्ष जांच नहीं की थी. अब फिर कांग्रेस सरकार में भी एसटीएफ की जांच पर सवाल खड़े हो रहे हैं.