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सहकारिता संगोष्ठी में बोले इफको के एमडी, कहा- अब किसानों को मिलेगा नैनो यूरिया

भोपाल के मिंटो हॉल में इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड ने 'कृषि विकास में सहकारिता का योगदान' संगोष्ठी का आयोजन किया. जिसमें मुख्य अतिथि सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह रहे. संगोष्ठी में नैनो यूरिया के लाभ के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही जैविक कीटनाशक के लाभ के बारे में भी किसानों को बताया गया.

Cooperative Seminar held in Minto Hall
मिंटो हॉल में आयोजित की गई सहकारिता संगोष्ठी

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Published : Jan 2, 2020, 9:47 PM IST

Updated : Jan 2, 2020, 10:15 PM IST

भोपाल।मिंटो हॉल में इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड के आयोजित 'कृषि विकास में सहकारिता का योगदान' संगोष्ठी में सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि, खाद के गोदाम से उर्वरक सीधे सहकारी संस्थाओं को भिजवाया जाएं. इससे किसानों को सहूलियत होगी और समय की बचत होगी. सहकारिता मंत्री ने कहा कि, इफको के संचालित कई योजनाओं की जानकारी किसानों तक नहीं पहुंच पाती हैं. इस दिशा में इफको को काम करना चाहिए. संगोष्ठी में शामिल हुए इफको के प्रबंध निदेशक डॉ उदय शंकर अवस्थी ने अगली खरीब सीजन से पहले नैनो यूरिया प्रदेश में पहुंचाए जाने की बात कही.

मिंटो हॉल में आयोजित की गई सहकारिता संगोष्ठी
नैनो यूरिया होगा ज्यादा प्रभावशालीडॉ अवस्थी ने नैनो यूरिया के बारे में बताते हुए कहा कि इसकी विशेषता ये होगी कि, एक बोतल तरल नैनो यूरिया एक बोरी यूरिया के बराबर प्रभावी होगी और इसकी कीमत बेहद कम होगी. इसके आने पर शासन को यूरिया पर सब्सिडी भी नहीं देनी होगी. वर्तमान में यूरिया की 45 किलोग्राम की एक बोरी 266 रुपए पचास पैसे की आती है.इफको जल्द बनाएगा जैविक कीटनाशकआगे उन्होंने बताया कि इफको जैविक खाद के बाद, अब जैविक कीटनाशक भी बना रहा है. जो वातावरण के लिए नुकसानदेह नहीं होगा. नरवाई जलाने की समस्या से निजात के लिए ऐसा डीकंपोजर बनाया गया है, जिसका छिड़काव करने से फसलों का दूध डीकंपोज होकर खाद बन जाएगा और मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ा देगा.प्रदेश में बनाए जाए कोल्ड स्टोरेज : गोविंद सिंहकार्यशाला में सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि किसानों को खेती के साथ पशुपालन और सहायक गतिविधियों को अपनाना होगा, जिससे भी पर्याप्त लाभ कमा सकें. उन्होंने इफको से आग्रह किया कि, प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज बनवाने और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने की दिशा में भी कार्य किया जाए. प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज की कमी के कारण ही पिछले सालों में किसानों को अत्यंत कम मूल्य पर प्याज-टमाटर बेचने पड़े हैं. वहीं प्याज आज सौ रुपए किलो बिक रही है, जो पहले 4 और ₹5 किलो बिकती थी.
Last Updated : Jan 2, 2020, 10:15 PM IST

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