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संक्रमण काल से गुजर रही कांग्रेस, न राजा न पटवारी अबकी बार जनता की बारीः नरोत्तम मिश्रा - न राजा न व्यापारी, अबकी बार जीतू पटवारी

कांग्रेस के न राजा न व्यापारी, अबकी बार जीतू पटवारी वाले नारे पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि न राजा न पटवारी अबकी बार जनता की बारी.

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नरोत्तम मिश्रा, गृहमंत्री

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Published : Jul 28, 2020, 2:09 PM IST

भोपाल।मध्यप्रदेश में विधानसभा उपचुनाव से पहले कांग्रेस का एक और नारा सामने आया है, जिसमें लिखा गया है कि न राजा न व्यापारी, अबकी बार जीतू पटवारी. इस नारे पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि, न राजा न पटवारी अबकी बार जनता की बारी. मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस फिलहाल संक्रमण से जूझ रही है. जहां नेता सिर्फ अपना दबदबा बनाने में जुटे हैं. कुछ दिनों पहले जयवर्धन सिंह के भावी मुख्यमंत्री के पोस्टर लगे थे. नकुलनाथ युवाओं का नेतृत्व करने की बात कह चुके हैं. जीतू पटवारी पहले से ही लाइन में हैं. इसलिए ये कांग्रेस को सोचना है कि उनका नेता कौन है.

नरोत्तम मिश्रा, गृहमंत्री

राहुल गांधी पर पलटवार

चीन के मुद्दे पर राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राहुल गांधी का बड़ा करियर होगा, लेकिन जब चीन के राजनयिक से गुप्त वार्ता करते हैं तो उसको सार्वजनिक भी करना चाहिए. देश की सुरक्षा से जुड़े मामलों को राहुल गांधी जिस तरीके से रखते हैं, उस तरीके को ठीक नहीं मानता हूं. राहुल गांधी को देश के मुद्दों पर सोच समझकर बोलना चाहिए. वहीं भोपाल में तेजी से बढते कोरोना संक्रमण पर मंत्री ने कहा कि कोविड पर सरकार सतर्क है. भोपाल में कोई व्यवस्था नहीं चरमराई है. राजधानी के अस्पतालों में पर्याप्त बेड खाली हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री भोपाल से ही हैं और पूरी व्यवस्थाएं देख रहे हैं. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि सुधार की प्रक्रिया निरंतर जारी है, जहां गलती हुई है, वहां सरकार झुकने के लिए भी तैयार है.

राजनीति न करें कंप्यूटर बाबा

मिश्रा ने कहा कि कंप्यूटर बाबा संत हैं और उनका बहुत आदर करता हूं, लेकिन अगर राजनीति करनी है तो ये चोला उतारना होगा. वहीं दिग्विजय सिंह के बयान पर मिश्रा ने कहा कि दिग्विजय सिंह 10 साल सीएम रहे हैं. काफी अनुभवी हैं, लेकिन जो सत्र निरस्त होता है, उसकी सारी प्रक्रिया निरस्त हो जाती है, जबकि उन्हें पता होना चाहिए कि विधानसभा का सत्र सबकी सहमति से निरस्त हुआ है.

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