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Gold पर अनिवार्य हुई Hallmarking, अब खरीद पर मिलेगी शुद्धता और गुणवत्ता की गारंटी - शुद्धता और गुणवत्ता की गारंटी

अब सोने पर हॉलमार्क (Gold Hallmarking) अनिवार्य कर दिया गया है. हॉलमार्क के बिना न तो दुकानदार गोल्ड बेच सकता है और न ही ग्राहक खरीद सकता है. सरकार के इस फैसले से सोने की चोरी पर रोक लगेगी. भोपाल सराफा व्यवसायी महासंघ ने इस फैसले का स्वागत किया है.

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Published : Jun 16, 2021, 9:42 PM IST

भोपालआज से यदि आप हॉलमार्किंग वाली ज्वेलरी खरीदते हैं तो जब आप इसे बेचने जाएंगे तो किसी तरह की डेप्रिसिएशन कास्ट (टांका) नहीं काटा जाएगा. यानि आपको अपने सोने की पूरी कीमत मिलेगी. इसके साथ ही सोने की गुणवत्ता की गारंटी भी होगी. अब ग्राहकों को ठगे जाने का डर नहीं होगा. देशभर में 16 जून से सोने की ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है. इसके साथ ही राजधानी में संचालित तीनों हॉलमार्किंग सेंटरों में हलचल तेज हो गई है. व्यापारी, अपनी ज्वेलरी को हॉलमार्किंग कराने के लिए सेंटर पर पहुंचना शुरु हो गए हैं. लेकिन नए नियमों में पुराने स्टॉक को लेकर अभी स्पष्टता नहीं है. जिससे व्यापारियों में चिंता की लकीरें खिंच गई है. 2 ग्राम से कम की ज्वेलरी को लेकर भी नियम साफ नहीं है कि इन्हें हॉलमार्किंग से बाहर रखा जाएगा या इन्हें भी दायरे में लिया जाएगा.

अनिवार्य हुई हॉलमार्किंग

सेंटर में हालमार्किंग का पूरा रिकार्ड

राजधानी के सराफा चौक बाजार स्थित हॉलमार्किंग सेंटर की प्रोपाइटर सोनिया चोपड़े का कहना है कि हॉलमार्किंग को लेकर अभी कोई नोटिफिकेशन नहीं आया है. पुराना ज्वेलरी का क्या होना है, इसके लिए भी कोई गाइ़डलाइन नहीं है. वर्तमान मे सेंटर में हॉलमार्किंग ज्वेलरी का पूरा रिकार्ड रखा जा रहा है. सेंटर में फिलहाल 2 ग्राम से ऊपर की ज्वेलरी पर ही हॉलमार्किंग किया जा रहा है.

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2 ग्राम से कम की ज्वेलरी पर नियम साफ नहीं

आज से लागू नियमों के मुताबिक सभी ज्वेलरी कारोबारियों को केवल एक बार रजिस्ट्रेशन लेना होगा. जिसका कोई नवीनीकरण नहीं करना होगा. कुंडन, पोल्की, जड़ाऊ ज्वेलरी के साथ ही ज्वेलरी वाली घड़ियों को हॉलमार्किंग के दायरे से बाहर रखा गया है. भोपाल सराफा व्यवसायी महासंघ के संयोजक नवनीत अग्रवाल ने हॉलमार्किंग नियम लागू किए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि इससे ज्वेलर्स के कारोबार में पारदर्शिता आएगी और लोगों का शुद्धता वाली ज्वेलरी मिलेगी.

हॉलमार्किंग

नवनीत अग्रवाल ने बताया कि नए नियमों में पुराने स्टाक को लेकर स्पष्टता नहीं है. सरकार को इसके बारे में नियम स्पष्ट करना चाहिए. जिससे व्यापारियों का नुकसान न हो. 40 लाख से कम के छोटे व्यापारियों को हॉलमार्किंग से रियायत देकर सरकार ने राहत दी है.

ज्वेलरी

एक सितंबर तक पेनल्टी नहीं

केंद्रीय वाणिज्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने घोषणा की है कि एक सितंबर 2021 तक पुराने स्टाक पर हॉलमार्किंग लगाने को लेकर किसी भी व्यापारी पर कोई पेनल्टी नहीं लगेगी और कोई माल भी जब्त नहीं होगा. पहले चरण में 16 जून से देश में भोपाल सहित 256 जिलों में जहां पर पहले ही हॉलमार्किंग सेंटर हैं, वहां अनिवार्य रूप से हॉलमार्किंग लागू होगी.

ज्वेलरी

कई बार बढ़ चुकी हैं तारीखें

देशभर में हॉलमार्किंग लागू करने की तारीख कई बार बढ़ाई जा चुकी है. इसे इस साल जनवरी में लागू होना था लेकिन कोरोना की वजह से तारीख कई बार बढ़ने के बाद अब 16 जून से लागू किया गया है.

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क्या होता है हॉलमार्क?
बहुत से लोगों के मन में सवाल है कि आखिर ये हॉलमार्क होता क्या है. किसी भी गहने की शुद्धता को परखने के बाद हॉलमार्क सेंटर गहनों पर बीआईएस (BIS) के लोगो का निशान बना देता है. इसे खरीदने वाला ग्राहक निश्चित हो सकता है कि, वो जो सोना खरीद रहा है वो किस कैटेगरी का है और कितना शुद्ध है.

ज्वेलरी शॉप

हॉलमार्किंग क्यों है जरूरी?

हॉलमार्किंग सरकारी गारंटी है. केंद्र सरकार सोने की शुद्धता के लिए काफी दिनों से हॉलमार्किंग को बढ़ावा दे रही है. अब इसको अनिवार्य किया जा रहा है. हॉलमार्किंग का निर्धारण ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (bureau of Indian standards) करती है. सोने के सिक्के या गहने पर हॉलमार्किंग के साथ बीआईएस (BIS) का Logo लगाना जरूरी है. ग्राहकों को नकली माल से बचाने और कारोबार की निगरानी के लिए हॉलमार्किंग बेहद जरूरी है. इसका फायदा यह है कि जब आप इसे बेचने जाएंगे, तो किसी तरह की डेप्रिसिएशन कॉस्ट नहीं काटी जाएगी.

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