भोपाल। अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के अतिथि विद्वानों को ईसी मेंबर के सामने नारे बाजी करना महंगा पड़ा गया. नारेबाजी के आरोप में पीएस अनिल मंडलोई ने अतिथि विद्वानों का एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया है. जिससे अतिथि विद्वानों में भारी रोष है.
अतिथि विद्वानों को नारेबाजी करना पड़ा महंगा अतिथि विद्वानों की सफाई
अतिथि विद्वानों ने पीएस को पत्र लिख कर सफाई दी है कि जो नारेबाजी उन्होंने की वो विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नहीं थी, बल्कि राज्यपाल लालजी टण्डन के आदेशों की अवेहलना करने पर थी, अतिथि विद्वानों ने इस विषय में कुलपति और पीएस को पत्र लिखकर अपनी सफाई दी है. साथ ही वेतन ना काटने की मांग की है.
गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपई हिंदी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को कार्यपरिषद की बैठक रखी गई थी, जिसमे अतिथि विद्वानों ने नियमितीकरण का प्रस्ताव रखा था.
राज्यपाल के आदेश की अवहेलना
दरअसल, हिंदी दिवस पर विश्वविद्यालय में राज्यपाल लालजी टंडन ने अतिथि विद्वानों को नियमित करने की बात कही थी. जिस पर उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने सहमति देते हुए अतिथि विद्वानों को जल्द नियमित करने की बात कही थी, हालांकि अब तक अतिथि विद्धानों को नियमित करने का कोई आदेश शासन की ओर से नहीं है.
नाराज अतिथि विद्वानों ने की नारेबाजी
वहीं अतिथि विद्वानों ने ईसी मेंबर्स के सामने जब ये प्रस्ताव रखा था, तो इस पर सहमति नहीं दी, जिससे नाराज अतिथि विद्वानों ने विश्वविद्यालय के गेट पर नारेबाजी की. जिसके बाद देर शाम उच्च शिक्षा विभाग से आदेश जारी हुए और प्रदर्शन करने पर अतिथि विद्वानों का एक दिन का वेतन काटने का आदेश जारी हुआ, हालांकि अतिथि विद्वानों ने पीएस और कुलपति को पत्र लिखकर सफाई दी है और वेतन ना काटने की मांग की है.