भोपाल। मध्य प्रदेश की सहकारी संस्थाओं, जिला सहकारी बैंक सहित सभी जिला सहकारी संस्थाओं में राजनीतिक नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है. अब इन संस्थाओं में निर्वाचित सांसद और विधायक अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बन सकेंगे. इसके लिए मध्य प्रदेश सहकारी सोसायटी संशोधन अध्यादेश 2020 को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अनुमति दे दी है. इसके बाद यह तत्काल प्रभाव से मध्य प्रदेश में लागू हो गया है.
क्या होंगे प्रावधान ?
मध्य प्रदेश सहकारी सोसायटी संशोधन अध्यादेश के जरिए सरकारी संस्थाओं में विधायक और सांसद के अध्यक्ष- उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए संशोधन किया गया है. इस अध्यादेश के जरिए मूल अधिनियम की धारा 48 (क) में उप धारा 4 में संशोधन किया गया है. इसके तहत अब सांसद और विधायक भी अपेक्स बैंक, जिला सहकारी बैंक, प्राथमिक सहकारी समितियों, राज्य आवास संघ, लघु वनोपज संघ, दुग्ध संघ सहित अन्य सभी जिला और राज्य स्तरीय सहकारी संस्थाओं में अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुने जा सकेंगे. सिर्फ नगरीय निकायों पंचायतों और मंडियों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को यह चुनाव लड़ने अध्यक्ष उपाध्यक्ष बनने की पात्रता नहीं होगी.