भोपाल। कमलनाथ सरकार प्रोफेसरों के रिसर्च को सार्वजनिक करने की तैयारी कर रही है, ताकि युवाओं को इन रिपोर्ट्स को पढ़ने के साथ-साथ प्रेरित भी किया जा सके. प्रोफेसरों की रिसर्च से लेकर सभी अकादमिक जानकारियों को सार्वजनिक करने की तैयारी शुरू कर दी गई है. प्रोफेसर अब तक कैसे और कितने रिसर्च डेवलप किए हैं, इन सभी चीजों का जिक्र संग्रहित किया जा रहा है.
प्रोफेसरों के रिसर्च सार्वजनिक करेगी राज्य सरकार 'राजीव ज्ञान ज्योति अभियान' की होगी शुरुआत
प्रशासनिक सहित सामाजिक गतिविधियों में प्रोफेसरों की क्या भूमिका रही. ये बातें उच्च शिक्षा विभाग सार्वजनिक करेगा, ताकि छात्रों सहित अन्य लोग इनकी अकादमिक और रिसर्च संबंधी उपलब्धियां प्राप्त कर इसका फायदा ले सकें. इस योजना को साकार करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने 'राजीव ज्ञान ज्योति अभियान' शुरू किया है. इसके तहत विभाग में एक ऑनलाइन मॉड्यूल तैयार कर प्रोफेसरों से 9 बिंदुओं पर जानकारी मांगी जा रही है.
सेमिनार और पीएचडी अवार्ड की होगी जानकारी
इस अभियान के तहत प्रोफेसरों के सेमिनार में शामिल होने और सेमिनार आयोजित करने संबंधी सभी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी, साथ ही ये भी बताया जाएगा कि किस प्रोफेसर को किस अवार्ड से नवाजा गया है और उनके मार्गदर्शन में कितने पीएचडी अवार्ड दिए गए हैं. अभी प्रोफेसरों की उपलब्धियां जानने और समझने के लिए कोई प्लेटफार्म मौजूद नहीं है.
छात्रों को ये सार्वजनिक जानकारी संबंधित कॉलेज की वेबसाइट से मिलनी चाहिए, लेकिन कॉलेज सहित विभाग की वेबसाइट पर भी ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं की गई हैं, यही वजह है कि अब कमलनाथ सरकार ने इस ओर ध्यान दिया है, ताकि प्रोफेसरों की उपलब्धियों को भी छात्र-छात्राओं से रूबरू कराया जा सके. उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इसके लिए अभियान की शुरूआत कर दिया है. ताकि छात्र और अभिभावक के साथ शिक्षकों के उत्कृष्ट कार्य साझा किए जा सकें. प्रोफेसरों ने इस अभियान से जुड़कर जानकारी उपलब्ध कराना भी शुरू कर दिया है. अब तक करीब ढाई हजार प्रोफेसर अपनी जानकारी मॉड्यूल का उपयोग कर दर्ज करवा चुके हैं.
छात्रों को भविष्य में मिले लाभ
राज्य शासन ने भरोसा जताया है कि इससे अकादमिक उपलब्धियों का संग्रह तैयार किया जा सकता है. जिससे छात्रों को आने वाले भविष्य में लाभ मिलेगा, इससे परीक्षा परिणामों में भी काफी सुधार आएगा, साथ ही इन सभी जानकारियों को विभाग के वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के करीब 5 हजार से ज्यादा प्रोफेसरों की उपलब्धियां और रिसर्च को संग्रहित कर युवाओं से रूबरू कराया जाए.