भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर शासकीय अवकाश घोषित करने की घोषणा की है. साथ ही सीएम कमलनाथ ने देश की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक गोंडी भाषा को जीवंत रखने और उसे बढ़ावा देने के लिए अनुसूचित जनजाति बहुल जिलों में गोंडी भाषा को प्राथमिक शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा है कि गोंडी भाषा बोलने वालों की संख्या में तेजी से हो रही कमी चिंता का विषय है इस भाषा को विलुप्त होने से बचाना जरूरी है जिसका प्रयास मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा है कि मध्यप्रदेश में आदिवासी समुदाय की समस्याओं के निराकरण के लिए 9 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाया जाएगा, इस दिन प्रदेश में शासकीय अवकाश भी घोषित किया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा दुनिया के विभिन्न देशों में रहने वाले आदिवासी समुदायों की समस्याओं के निराकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है. इसी तारतम्य में मध्यप्रदेश में यह दिन आदिवासी समुदाय की समस्याओं के निराकरण के लिए समर्पित रहेगा.