भोपाल।एमपी विधानसभा की कार्यवाही के दौरान प्रदेश में वनों की अवैध कटाई का मुद्दा गूंजा.पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने वन मंत्री विजय शाह से अवैध कटाई के चलते घटते वनों के रकबे को लेकर सवाल खड़ा किया. साथ ही शर्मा ने सरकार पर वन माफियाओं को मुआवजा देने की बात कही.एमपी में वनों का रकबा तेजी से घट रहा है, संरक्षित वन क्षेत्र का रकबा पिछले 40 साल में करीब आधा हो गया है. 1980 में 69 हजार 83 वर्ग किलोमीटर जो 2020 में घटकर महज 31 हजार 98 वर्ग किलोमीटर बचा है. एमपी का कुल वन क्षेत्र भी तेजी से घट रहा है. 1980 से अब तक करीब 61 हजार वर्ग किलोमीटर कम हो गया है. 1980 में कुल वन क्षेत्र 1 लाख 55 हजार 414 वर्ग किलोमीटर था जो 2020 में घटकर 94 हजार 689 रह गया है.
कैसे बचेंगे जंगल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के संसदीय क्षेत्र विदिशा में जंगलों की जमकर कटाई हो रही है. सागौन की अवैध कटाई का आलम ये है कि दोपहर हो या शाम वन माफिया बिना किसी डर के लगातार मोटरसाइकिल पर सागौन की बल्लियां ढोते हैं. यही हाल शिवराज के गृह जिले सीहोर का है यहां भी दिन दहाड़े जंगल बुरी तरह से साफ हो रहे हैं.
माफिया को मुआवजा: विदिशा जिले में जब वन महकमा लकड़ी चोरी करने वालों को पकड़ने जाता है तो जवाब में लकड़ी चोर पत्थर से कर्मियों पर हमला करते हैं. जवाब में खुद की सुरक्षा के लिए कर्मियों को गोली चलाना पड़ा. पूरे मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वन अमले को शाबाशी न देकर वन अमले के खिलाफ जांच बैठा दी और मरने वाले और घायलों को लाखों का मुआवजा दे दिया. इसे लेकर कांग्रेस ने सवाल भी उठाए हैं. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा की जवाब वन माफियाओं को आप मुआवजा देंगे तो जंगल कैसे बचेंगे.