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मौसमी सितम पर मरहम की आस, बारिश ने किसानों की मेहनत पर फेरा पानी

मध्यप्रदेश में बेमौसम हुई बारिश ने किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया है. किसानों की खेतों में खड़ी फसल बारिश के चलते खराब हो गई है, वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ ने सीएम को पत्र लिखकर किसानों को राहत राशि दिलाने की मांग की है, जबकि कृषि मंत्री ने सभी कलेक्टर्स को सर्वे के निर्देश दिए हैं.

RAIN
बेमौसम बारिश

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Published : Mar 13, 2021, 7:44 PM IST

Updated : Mar 13, 2021, 8:54 PM IST

भोपाल। बेमौसम बारिश से किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी है. एक तरफ ये बारिश जहां लोगों को गर्मी से राहत पहुंचा रही है, वहीं दूसरी तरफ बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है. लिहाजा फसलों को हुए नुकसान को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने सीएम शिवराज को पत्र लिखा है. वहीं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ने सागर में ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का निरीक्षण किया है. ओलावृष्टि से खेतों में बिछी फसलों को देखकर मंत्री ने स्वीकार किया है कि फसलों को काफी नुकसान हुआ है. हालांकि कृषि मंत्री कमल पटेल ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स को उनके जिलों में बारिश से होने वाले नुकसान का सर्वे कराने के निर्देश दिए है. उन्होंने कहा है कि जिन जिलों में फसल की नुकसानी हुई है. वहां किसानों को राहत दिलाई जाएगी.

मुख्यमंत्री से जल्द से जल्द सर्वे कराने की मांग

पूर्व सीएम कमलनाथ ने सीएम को पत्र में लिखा कि दुखद है कि बीते दिनों रीवा, विदिशा, सीहोर, रायसेन और मंडला में हुई बारिश और ओलावृष्टि से खराब फसलों का आज तक न तो सर्वे हुआ है और न ही किसानों को कोई राहत दी गई है. उन्‍होंने लिखा कि किसान चिंताग्रस्‍त है और गंभीर संकट से जूझ रहा है. मंहगाई चरम पर है, डीजल के भाव में भारी वृद्धि ने किसानों की कमर तोड़ दी है. कोरोना काल से उत्पन्न स्थिति से वह पहले ही जूझ रहा है. ऐसी स्थिति में जरूरी है कि किसानों के नुकसान का तुरंत आकलन हो और उन्‍हें राहत मिले.

कमलनाथ ने लिखा लेटर

कई जिलों में किसानों की फसल को हुआ नुकसान

कमलनाथ ने लिखा की प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश और ओलावृष्टि से कई जिलों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. पूर्व में और वर्तमान में क्षतिग्रस्‍त हुई फसलों के नुकसान का देरी से आकलन कर किसानों को राहत वितरण का काम शुरू किया जाये.

गोविंद सिंह ने किया फसलों का निरीक्षण

वहीं मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने ओलावृष्टि से खराब हुई गेहूं और चना की फसलों का मौके पर जाकर निरीक्षण किया. मंत्री के गांव में आने की खबर से ग्रामीण हाथों में अपनी नष्ट हुई फसलों को लेकर मंत्री के पास पहुंचे. जहां उन्होंने ओलावृष्टि से हुए नुकसान के विषय में मंत्री को बताया. जिसके बाद मंत्री गोविंद सिंह किसानों के साथ उनके खेतों में भी पहुंचे और फसलों को हुए नुकसान का निरीक्षण किया. वहीं इस दौरान कुछ ग्रामीणों ने सर्वे को लेकर पटवारी द्वारा आनाकानी करने की शिकायत भी की, जिसके बाद मंत्री ने पटवारी की फटकार भी लगाई और किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा राशि मिलने का आश्वासन दिया.

गोविंद सिंह ने किया निरीक्षण

प्रदेश के कई जिलों में बरसे बदरा

बता दें पश्चिमी विक्षोभ के चलते मध्यप्रदेश में कई जगह बारिश हुई. राजधानी भोपाल में शुक्रवार सुबह से ही तेज आंधी चलने के साथ ही कई ईलाकों में तूफान भी आया. वहीं शाम होते ही बारीश शुरु हो गई थी. साथ ही कई जिलों में ओले भी गिरे. ओलावृष्टि का सबसे ज्यादा असर गेहूं और चना की फसल पर पड़ा है. जबकि खेतों में फसल कटने को तैयार है.

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बे मौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता

वहीं मुरैना में सोमवार देर शाम अचानक से मौसम ने अपना मिजाज बदला. जिसके चलते हेतमपुर, जनकपुर,पिपरसा,देवरी गांव के क्षेत्र में कुछ जगहों पर ओलावृष्टि हुई है. संभावना है कि 1 दर्जन से अधिक गांव में ये ओलावृष्टि हुई है. जिसके चलते सरसों की फसल को नुकसान हुआ है. ओलावृष्टि की जानकारी मिलते ही मुरैना प्रशासन ने पटवारी और तहसीलदार को क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए निर्देश जारी किए थे. अचानक से क्षेत्र के तापमान में वृद्धि होने से क्लाइमेट में चेंज आया. उसका ही नतीजा है कि कुछ जगहों पर बारिश और ओलावृष्टि हुई है. जिससे सरसों की फसल को नुकसान हुआ है.

परेशान किसान

कई गांवों में हुई ओलावृष्टि, खेतों में खड़ी फसलों को हुआ नुकसान

रायसेन में खड़ी फसल को नुकसान

इसी तरह बीते दिन रायसेन में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई. कई जिलों में ओलावृष्टि के साथ जोरदार बारिश हुई. बारिश की वजह से तापमान में गिरावट दर्ज की गई. वहीं बारिश से जहां लोगों को बढ़ती गर्मी से राहत मिली, वहीं इस बारिश ने किसानों की मुसीबत भी बढ़ा दी है.गेहूं की फसल अभी भी खेतों में ही खड़ी है, ऐसे में बेमौसम की बारिश से नुकसान होना लाजमी है.

तेज हवाओं के साथ झूम के बरसे बदरा, मौसम में घुली ठंडक

शाजापुर में बारिश के साथ गिरे ओले

वहीं शाजापुर में भी बारिश के साथ ओले गिरे. बेमौसम बारिश से करीब 20 से अधिक गांवों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है. जिले के बमोरी, खेड़ा, सुनेरा, पनवाड़ी, अभयपुर, जलोदा, काकड़ी, बिजाना, छतगांव, ढगीचा सहित कई गांव में करीब 15 मिनट तक तेज बारिश के साथ ओले गिरे, जिसके कारण फसलों को भी नुकसान पहुंचा है.

ओला

धरती पर बिछी 'सफेद चादर', किसानों के माथे पर खिंची चिंता की लकीरें

फसलों पर लेटकर रोया किसान किसान

बारिश से खराब हुई फसल का सबसे बुरा असर सीहोर के चंदेरी गांव के एक किसान पर पड़ा है, किसान सज्जन सिंह मेवाडा का रो-रो कर बुरा हाल है, आलम यह है कि किसान खेत में लेट कर रो रहा है, क्योंकि रात को ज्यादा बारिश और ओले उनकी गेहूं की फसल पूरी तरह बर्बाद कर दी. किसान का कहना है कि वह बैंक का कर्ज कैसे चुकाएंगे.

खेत में लेटकर रोया किसान

हरदा के 10 से ज्यादा गांवों में फसल को नुकसान

हरदा में शुक्रवार को भवरास, भुनास, आदमपुर, सिराली, शमशाबाद, हरदा जिला मुख्यालय सहित अन्य गांवों में भी करीब आधा घंटे तक तेज बारिश हुई. किसानों के खेत में कटी चने की फसल को नुकसान पहुंचा है. हरदा जिले में करीब 10 से अधिक गांवों में फसल को नुकसान पहुंचा है.

कृषि मंत्री ने दिए सर्वे के निर्देश

जिसके बाद कृषि मंत्री कमल पटेल ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स को उनके जिलों में बारिश से होने वाले नुकसान का सर्वे कराने के निर्देश दिए है. उन्होंने कहा है कि जिन जिलों में फसल की नुकसानी हुई है. वहां किसानों को राहत दिलाई जाएगी.

खेतों में पक कर तैयार रबी की फसल

बता दें इस समय किसानों के खेत में रबी की फसल पक कर तैयार है, ऐसे में बेमौसम बारिश ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी है. पहले तो कोरोना के चलते किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा, वहीं अब इस बेमौसम बारिश ने उनकी उम्मीद पर पानी फेर दिया है.

Last Updated : Mar 13, 2021, 8:54 PM IST

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