भोपाल। मप्र सरकार प्रदेश में 10 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी में है. कुछ मेडिकल कॉलेज पीपीपी मोड पर भी खोले जाएंगे. इसके साथ ही मेडिकल स्टूडेंट्स का बीमा भी कराया जा रहा है. मप्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने ईटीवी भारत के स्टेट ब्यूरो चीफ विनोद तिवारी से खास बातचीत में यह जानकारी दी. सारंग ने कहा कि मप्र के अस्पतालों में भी डाक्टरों की कमी है लेकिन इनकी पूर्ति करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है.
Face to Face Cabinet Minister Vishwas Sarang: 10 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी में सरकार, मेडिकल स्टूडेंट्स का करा रहें बीमा - चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सांरग
प्रदेश में 10 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी में है मप्र सरकार. राज्य में डाक्टर्स की कमी है लेकिन इसे दूर करने की कोशिश की जा रही है. ये कहना है सूबे के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सांरग का. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि हम देश के पहले राज्य बनने वाले हैं जो एमबीबीएस की पढ़ाई अब हिंदी में शुरू कर रहे हैं. (Cabinet Minister Vishwas Sarang)
सवाल- विश्वास जी किस तरह के नवाचार अपनाए जा रहे हैं क्योंकि अब कोरोना निकल गया है?
जवाब- एक तो हम देश के पहले राज्य बनने वाले हैं जो एमबीबीएस की पढ़ाई अब हिंदी में शुरू कर रहे हैं. समानांतर रूप से अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी एमबीबीएस की किताबें प्रकाशित कर रहे हैं. ईज ऑफ हेल्थ सर्विसेज हमने शुरू किया है. हमारे सभी कॉलेजों की पढाई का स्ट्रेंथन करते हुए एनएमसी के अनुसार, नए-नए कोर्स लेकर आ रहे हैं. उसके साथ-साथ हमारे संबंद्ध अस्पतालों में मरीजों को उचित इलाज मिल सके, इसकी हम समुचित व्यवस्था कर रहे हैं. हम पहले राज्य हैं जिसने मेडिकल स्टूडेंट्स को बीमा से जोड़ा है. हमने उनका बीमा कराया है. हम हर स्तर पर काम कर रहे हैं. हम जल्द से जल्द इस बात को सुनिश्चित कर रहे हैं कि मप्र में हम नए मेडिकल कॉलेज भी लेकर आएं. लगभग 10 मेडिकल कॉलेज हम और लेकर आ रहे हैं. हम पीपीपी मोड पर भी मेडिकल कॉलेज ला रहे हैं.
सवाल- मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की अवधारणा थी कि 100 किमी से ज्यादा किसी को भी न जाना पड़े अपने स्वास्थ्य की जांच और गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए. छोटी पीएससी तो आपने बनाई लेकिन क्या बड़े सेंटर इस तरह के बन पाएंगे?
जवाब-माननीय शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चिकित्सकीय व्यवस्थाओं को हमने बहुत चुरुस्त-दुरुस्त किया है और हेल्थ विभाग और मेडिकल एजूकेशन विभाग दोनों मिलकर ये बात को सुनिश्चित कर रहे हैं कि लोगों को हर तरह का इलाज सही समय पर मिल सके, हमने इसकी पूरी प्लानिंग की है.
सवाल-सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की बात हो रही है. मप्र में अभी भी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की कमी है.
जवाब-सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल हमने शुरु किए हैं. बाकी जो आपने टर्शरी केयर की बात की है, वह हमारे नए मेडिकल कॉलेज आने पर ये व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त हो जाएगी.
सवाल- एक बड़ा विषय है मप्र के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन का जिसके लिए आपने बात की थी.
जवाब- कल ही मेरी माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी से बात हुई है. ये सभी मशीनें इम्पोर्ट होती है. जब मशीन इम्पोर्ट होगी तो उसकी तादाद भी कम होती है तो वो आ रही है पर हमने एम्स में शुरू कर दिया है और इसमें कहीं कोई कमी या दिक्कत नहीं है.
सवाल- कोविड काल में आपने मशीनरी तो पहुंचा दी लेकिन ट्रेंड स्टाफ की कमी देखी गई सुदूर अंचलों में. वो कमी कैसे पूरी हो पाएगी?
जवाब- देखिए ऐसा नहीं है. हमने हर स्टाफ को जो भी हमारा मेनपावर था, उसको हमने पूरी तरह से ट्रेनिंग दी है. कहीं कोई दिक्कत नहीं है. अब आप कमी की बात करते हैं तो पूरी दुनिया में डॉक्टर्स की कमी है इसलिए तो माननीय प्रधानमंत्री जी ने लक्ष्य लिया है कि ज्यादा से ज्यादा मेडिकल कॉलेज बने. उसी रफ्तार से हम मप्र में भी मेडिकल कॉलेज बना रहे हैं और जहां तक पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ की बात है तो कहीं कोई कमी नहीं है और हमने सभी को समुचित ट्रेनिंग भी दी है.
सवाल- एक बात और है पांच हजार चिकित्सकों की कमी और लगभग 16 हजार पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी है जिसमें नर्सिंग स्टाफ भी शामिल है.
जवाब-हमारे द्वारा सभी जगह व्यवस्था कर ली गई है. कहीं कोई कमी नहीं है. आप जो ये आंकड़े बताते हैं वे हैल्थ और मेडिकल एजुकेशन दोनों के मिले हुए हैं. इसलिए मैं आपसे निवेदन कर रहा हूं कि डॉक्टर्स की कमी तो पूरी दुनिया में है और उसकी भी पूरी व्यवस्थाएं की जा रही है. उसका पूरी तरह से एडजस्टमेंट किया जा रहा है और ऐसी कहीं को दिक्कत नहीं है.
सवाल-जिस प्रायोरिटी में पुलिस विभाग में 6 हजार पुलिस कर्मियों की भर्ती हो रही है तो क्या हेल्थ में भी ऐसी कोई भर्ती हो रही है.
जवाब- जहां से आप आंकड़े लाए हैं वहां से आपने पूरी जानकारी नहीं ली है. हमने लगभग दो साल में जितना रिक्रूटमेंट किया है, उतना रिक्रूटमेंट कभी नहीं किया गया है. हम बहुत तेजी से भर्तियां कर रहे हैं.
सवाल-एनएचएम मप्र सरकार की इकाई है. इसे आप और भारत सरकार पोषित करती है. वहां कई जगह ऐसी जानकारी आ रही है कि 24 घंटे क्लिनिक और पीएचसी चलना चाहिए था वह स्टाफ की कमी के कारण नहीं चल पा रही है.
जवाब- मैंने आपसे निवेदन किया कि डॉक्टर्स की कमी तो पूरी दुनिया में है. हमने उसका एडजस्टेमेंट किया है, जो कमी होगी उसे पूरा कर रहे हैं.
( Cabinet Minister Vishwas Sarang) (10 new medical colleges)