भोपाल/ इंदौर। अगर आप त्योहारों पर मावा खरीदने जा रहे हैं तो यह खबर आपके सतर्क करने वाली है. क्योंकि भोपाल में नकली मावे की बिक्री का मानक स्तर राष्ट्रीय स्तर से भी ज्यादा है. त्योहार आते ही एक ओर मावे की खपत बढ़ जाती है. वहीं दूसरी और नकली मावा भी धड़ल्ले से बाजार में बिकता है. नकली मावे पर अंकुश लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग लगातार होटलों और अन्य दुकानों पर कार्रवाई भी करता है. लेकिन फिर भी नकली मावा धड़ल्ले से बिक जाता है.
नकली मावाबेचने का तरीका बदला :नकली मावा बेचने के लिए दुकानदारों और ठेकेदारों ने मावा सप्लाई का तरीका बदल लिया है. इसके खिलाफ खाद्य विभाग लगातार कार्रवाई भी करता है और नकली मावे की खेप को भी पकड़ता है, लेकिन पिछले एक साल में ही कई चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं. जिला खाद्य एवं सुरक्षा विभाग के अधिकारी देवेंद्र दुबे के अनुसार पिछले एक साल में फेस्टिवल के दौरान खाद्य विभाग ने 150 से अधिक सैंपल कलेक्ट किए थे. इनकी शिकायत मिल रही थी कि इन व्यापारियों के यहां मिलावट की जाती है.
150 में से 40 सैंपल रिजेक्ट :भोपाल में 150 सैंपल में से 40 सैंपल रिजेक्ट किए गए. यानी इन 40 सैंपल में मिलावट पाई गई. इस लिहाज से इसका प्रतिशत 25 से भी ज़्यादा होता है. ये बताते हैं कि यह स्तर बहुत ज्यादा है, क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर अगर 100 में से 17% मिलावट पाई जाती है तो वह एक रेशो के अंतर्गत आती है,यानी इतनी मिलावट तो लगभग पाई जा सकती है. लेकिन इससे अधिक अगर मिलावट होती है तो ये गंभीर चिंता का विषय होता है. खाद्य अधिकारी देवेंद्र दुबे बताते हैं कि जिन 40 सैंपल को रिजेक्ट किया गया है, उनके खिलाफ कानूनी प्रकरण भी दर्ज किए गए हैं. साथ ही जुर्माने की कार्रवाई भी की गई है. दुबे के अनुसार नकली मावे की सबसे ज्यादा आमद नॉर्थ एरिया से मध्य प्रदेश में होती है. इसमे ग्वालियर, भिंड आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में नकली मावा अन्य जिलों में पहुंचता है.