भोपाल। मध्यप्रदेश में आखिरकार शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है, लेकिन इस सियासी मिजाज के बीच एक समझौते की डोर है. जिसे संभाल पाना मध्यप्रदेश में बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती है. एक कहावत है कि 'कुछ तो मजबूरियां रही होंगी वरना यूं तो कोई बेवफा नहीं होता' ये जुमला इस दिनों बीजेपी सरकार और मंत्रिमंडल विस्तार के बाद बनी स्थितियों पर सटीक बैठ रहा है.
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट, जानिए क्या है बीजेपी की मजबूरी ! - Assembly by-election preparations
मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब बीजेपी में अंतर्कलह की स्थिति बन रही है. मंत्रिमंडल में पुराने और अनुभवी चेहरों को जगह नहीं दी गई है. बल्कि सिंधिया समर्थक 14 पूर्व विधायकों को मंत्री बनाया गया है.
मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब बीजेपी में अंतर्कलह की स्थिति बन रही है. मंत्रिमंडल में पुराने और अनुभवी चेहरों को जगह नहीं दी गई है. बल्कि सिंधिया समर्थक 14 पूर्व विधायकों को मंत्री बनाया गया है. एक तरफ वरिष्ठ नेता रामपाल सिंह कहीं न कहीं नाराज बैठे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ पूर्व मंत्री संजय पाठक ने तो इशारों ही इशारों में यह कह डाला कि सरकार की कुछ तो मजबूरियां रही होंगी. इसको लेकर वरिष्ठ पत्रकार शिव अनुराग पटेरिया ने ईटीवी से बात करते हुए कहा कि बीजेपी बेवक्त सत्ता में आना चाहती थी. साल 2018 में विधानसभा चुनाव हुआ इसके बाद बीजेपी अगले चुनाव तक इंतजार कर सकती थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
वरिष्ठ पत्रकार शिव अनुराग पटेरिया का कहना है कि अब बीजेपी उन्हीं हथकंडों को इस्तेमाल कर रही है जो कभी कांग्रेस का कॉपी राइट हुआ करता था, कांग्रेस ने भी अलग-अलग राज्यों में करीब 100 से ज्यादा बार इसी तरह के हथकंडे अपनाकर अपनी सरकार बनाई है. दूसरा सबसे बड़ा कारण ये है कि यह राजनीति का खेल है जिसमें जीत ही सर्वोत्तम होती है. राजनीति में पाप और पुण्य जैसी कोई बात नहीं होती है.
वरिष्ठ पत्रकार शिव अनुराग पटेरिया के मुताबिक बीजेपी के द्वारा अपने अनुभवी नेताओं को मंत्री नहीं बनाने का मुख्य कारण यही है कि बीजेपी सत्ता पाना नहीं चाहती थी, जिसके पीछे का सबसे बड़ा कारण राज्यसभा सीटें हैं. राज्यसभा सीटें इसलिए चाहिए कि राज्यसभा में बीजेपी का बहुमत नहीं है इसलिए एक-एक सीट महत्वपूर्ण है. इसके अलावा मध्य प्रदेश में सरकार इसलिए चाहिए कि एमपी हार्ट ऑफ दी इंडिया है. मध्यप्रदेश में जो भी होता है उसका असर पूरे देश में दिखाई देता है.