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260 नगरीय निकायों का कार्यकाल खत्म, आयुक्त-कलेक्टर और SDM होंगे प्रशासक - भोपाल न्यूज

प्रदेश के 260 नगरीय निकायों का कार्यकाल खत्म हो गया है. जिनके लिए नगरीय निकायों में प्रशासक की नियुक्ति की जा चुकी है. वहीं नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने राज्य निर्वाचन आयोग से परामर्श करने के बाद नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन नियम 2019 लागू कर दिया है.

End of term of 260 urban bodies
260 नगरीय निकायों का कार्यकाल खत्म

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Published : Jan 31, 2020, 8:53 AM IST

भोपाल।मध्य प्रदेश की 260 नगरीय निकायों का कार्यकाल खत्म हो गया है. नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने अब इन निकायों के संचालन के लिए प्रशासक नियुक्त कर दिए हैं. पिछले एक माह में कुल 278 नगरीय निकायों में प्रशासक की नियुक्ति की जा चुकी है. प्रदेश में कुल 378 नगरीय निकाय हैं. वहीं नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने राज्य निर्वाचन आयोग से परामर्श करने के बाद नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन नियम 2019 लागू कर दिया है.

260 नगरीय निकायों का कार्यकाल खत्म

जिन नगरीय निकायों का कार्यकाल खत्म हो गया है. अब आगामी चुनाव तक उनका कामकाज प्रशासक करेंगे. इसके लिए संभागीय आयुक्त कलेक्टर और एसडीएम को संबंधित निकायों की जिम्मेदारी सौंपी गई है.ग्वालियर नगर निगम की जिम्मेदारी संभागायुक्त को दी गई है.

  • खंडवा नगर निगम और बुरहानपुर नगर निगम के प्रशासक जिला कलेक्टर होंगे.
  • ग्वालियर का कार्यकाल 10 जनवरी खंडवा का 13 और बुरहानपुर नगर निगम का कार्यकाल 8 जनवरी को खत्म हो चुका है. भोपाल नगर निगम का कार्यकाल 19 फरवरी को खत्म हो रहा है. प्रदेश में कुल 378 नगरीय निकाय हैं. अब बाकी 100 नगरीय निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति की तैयारी की जा रही है. नगरीय निकाय चुनाव अगले तीन-चार माह में होने की संभावना जताई जा रही है.

नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने राज्य निर्वाचन आयोग से परामर्श करने के बाद नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन नियम 2019 लागू कर दिया है. अब नगरीय निकायों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव किसी पार्षद का पद रिक्त होने की वजह से नहीं रोका जाएगा. यदि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद किसी वजह से खाली हो जाता है, तो उसे भरने के लिए ठीक वैसी ही प्रक्रिया अपनाई जाएगी जैसे मूल चुनाव में होता ही है. कोई भी पार्षद एक से अधिक अभ्यर्थी के नामांकन का प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेगा.

पार्षद का चुनाव होने के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा अधिकृत अधिकारी चुनाव के लिए सम्मेलन का समय और जगह घोषित करेगा. इसकी सूचना हर पार्षद को भेजनी होगी. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव एक ही दिन कराया जाएगा पीठासीन अधिकारी को ये अधिकार होगा कि वो नामांकन पत्र की जांच आपत्ति या फिर स्व प्रेरणा से कर सकेगा. यदि कोई नामांकन स्वीकार किया जाता है तो इसके कारण लिखित में बताने होंगे. मतगणना में अगर अभ्यर्थियों को सामान मत मिलता है, तो फिर लॉटरी से फैसला होगा. इसके लिए पीठासीन अधिकारी लॉर्ड डालकर तत्काल निर्णय करेंगे इसके लिए प्रक्रिया भी ही तय करेंगे.

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