भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में कुछ दिनों पहले बाढ़ जैसे हालात थे, लेकिन अब प्रदेश के 15 जिलों में सूखे के हालात बन रहे हैं. बारिश का सीजन लगभग खत्म होने को है, लेकिन 15 जिलों में मॉनसून का कोटा पूरा नहीं हो सका है. सबसे ज्यादा खराब हालत जबलपुर, बालाघाट, खरगौर, धार, छतरपुर जिलों की है, जहां औसत से करीब 40 फीसदी कम बारिश हुई है.
इन जिलों में बारिश का इंतजार, बन रहे सूखे को हालत
प्रदेश के 15 जिलों में सूखे के हालात पैदा हो गए हैं. आमतौर पर अगस्त माह के बाद मानसून की वापसी शुरू हो जाती है. प्रदेश में अभी तक हुई बारिश के आंकड़ों को देखें तो प्रदेश में सामान्य से 4 फीसदी कम बारिश हुई है. ग्वालियर चंबल के 8 जिलों को छोड़कर बाकी किसी भी जिले में अभी तक सामान्य बारिश का कोटा पूरा नहीं हो सका है. सबसे ज्यादा खराब हालात सूबे के 15 जिलों की है, जहां औसत से 50 फीसदी तक कम बारिश हुई है.
किन-किन जिलों में सूखे के हालात?
सूखे की कगार पर खड़े जिलों में बुंदेलखंड क्षेत्र के छतरपुर, पन्ना और दमोह शामिल हैं. यहां 24 से 43 फीसदी तक कम बारिश हुई है. इसके अलावा कटनी में सामान्य से 33 फीसदी कम, जबलपुर में 42 फीसदी कम, मंडला में 22 फीसदी कम, सिवनी में 30 फीसदी कम, बालाघाट मे 38 फीसदी, होशंगाबाद में 20 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है. इसके अलावा हरदा में 29 फीसदी, बुरहानपुर में 21 फीसदी, खरगौन में 41 फीसदी, बड़वानी में 34 फीसदी, धार में 39 फीसदी और इंदौर में 26 फीसदी कम बारिश हुई है.