भोपाल। प्रदेश के लोगों के साथ चिटफंड कंपनियों द्वारा की गई धोखाधड़ी के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और भोपाल लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ को पत्र लिखा है. दिग्विजय ने पत्र के माध्यम से चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश में करीब 47 लाख निवेशकों के साथ चिटफंड कंपनियों ने धोखाधड़ी की है और पुलिस ने कंपनियों के मालिकों पर नहीं बल्कि स्थानीय एंजेटों पर प्रकरण दर्ज किए हैं. दिग्विजय ने कमलनाथ से मांग की है कि वो इन कंपनियों की प्रदेश में मौजूद संपत्ती को बेंचकर निवेशकों का पैसा वापस कराएं. साथ ही जिन एंजेट् को इन मामलों में आरोपी बनाया गया है, उनके प्रकरण समाप्त किए जाएं.
दिग्विजय सिंह द्वारा लिखा गया कमलनाथ को पत्र कमलनाथ को लिखे अपने पत्र में दिग्विजय सिंह ने कहा है कि आल इन्वेस्टर सेफ्टी आर्गेनाइजेशन नई दिल्ली एवं सर्व हित महाकल्याण वेलफेयर फाउंडेशन को पत्र आपको भेज रहा हूं. मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित देश के कई राज्यों में लाखों निवेशकों के साथ धोखाधड़ी कर कंपनियों ने लोगों की गाढी कमाई को हड़प लिया है. पीएसीएल (पल्स) सहित ऐसी कई कंपनियों ने स्थानीय युवाओं को कमीशन का लालच देकर एंजेट बनाया और लोगों से निवेश कराया. केवल मध्यप्रदेश में 47 लाख निवेशकों की जमाराशि बिना लौटाए इन कंपनियों के दफ्तर बंद कर दिए गए हैं. पैसा वापस नहीं करने पर जब निवेशकों ने पुलिस में शिकायत दर्ज की, तो पुलिस ने कंपनियों के मालिकों पर प्रकरण दर्ज न कर एंजेट्स के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए हैं. कई निर्दोष एंजेट्स को जेल भी भेज दिया गया है, जो कि सही नहीं है. उनका कहना है कि पुलिस को चिटफंड कंपनियों के मालिकों पर केस दर्ज करना था और उनकी संपत्ति बेंचकर निवेशकों का पैसा वापिस लौटाना था. इस तरह के प्रकरणों में छत्तीसगढ में इन शिकायतों के निराकरण के लिए आनलाइन प्लेटफार्म तैयार किया गया है, जो मध्यप्रदेश में भी किया जा सकता है.दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ से अनुरोध किया है कि निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने वाली कंपनियों की प्रदेश में मौजूद संपत्तियां बेंचकर निवेशकों की राशि वापस करने हेतु आवश्यक कदम उठाने का कष्ट करें. इन कंपनियों के लिए एंजेट के रूप में कार्य कर रहे युवाओं पर दर्ज प्रकरण वापस लिए जाएं और निवेशकों की शिकायत निवारण हेतु छत्तीसगढ़ की तरह आनलाइन शिकायत निवारण पोर्टल बनाकर निवेशकों की धनराशि वापस दिलाने हेतु उचित कदम उठाने का कष्ट करें.