भोपाल। हर साल जहां गर्मी के मौसम में पानी की खपत बढ़ जाती थी, तो वहीं इस बार लॉकडाउन के लागू होने की वजह स्थिर है. यह खबर आम जनता के लिए भले ही सुकून देनी वाली हो, लेकिन शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में पानी सप्लाई करने वाले प्रायवेट टैंकर संचालकों के सामने मुसीबत खड़ी हो गई है. लॉकडाउन के बाद से ही निर्माण गतिविधियां बंद हैं और बाहरी लोगों के अपने-अपने घर लौटने से अतिरिक्त पानी की डिमांड एकदम कम हो गई है. आमतौर पर गर्मियों के मौसम में पानी की सप्लाई करके मोटी कमाई करने वाले टैंकर संचालकों की आमदनी इस साल पूरी तरह से ठप हो गई है.
राजधानी में प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों के अलावा बड़ी संख्या में दूसरे प्रदेशों के स्टूडेंट्स और तमाम लोग रोजी-रोटी के लिए आते हैं. अनुमान के मुताबिक करीब एक लाख छात्र-छात्राएं शहर में बाहर से पढ़ने आते हैं, जो खास तौर से भोपाल के अलग-अलग क्षेत्रों में किराए पर रहते हैं. नगर निगम द्वारा सप्लाई होने वाला पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलने से प्राइवेट टैंकर से पानी की आपूर्ति की जाती थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद छात्र-छात्राओं के घर लौटने और निर्माण गतिविधियां स्थगित होने से प्राइवेट टैंकर से पानी सप्लाई लगभग ठप हो गई है.
होशंगाबाद रोड पर टैंकर से पानी की सप्लाई करने वाले मुकेश साहू बताते हैं कि, हर साल गर्मियों में जहां दिन भर में 25 से 30 टैंकर पानी डाला जाता था, लेकिन अब मुश्किल से छह से सात टैंकर की डिमांड आ रही है. निर्माण कार्य बंद है, किराए से रहने वाले छात्र-छात्राएं भी जा चुके हैं, इसलिए अब पानी की खपत भी कम हो गई है.