भोपाल । साइबर फ्रॉड अब शहरी अपराध नहीं रहा. ये गांव देहात में भी अपना जाल फैला रहा है. भोपाल पुलिस ने दो सालों में लगभग 40 साइबर अपराध दर्ज किए हैं. इन मामलों में पुलिस के हाथ कई आरोपी लगे हैं. इनमें से 12 आरोपी अनपढ़ या कम पढ़े लिखे हैं. इन बदमाशों ने लोगों को लाखों का चूना लगाया है.
टावर लगाने के नाम पर ठगी
इस समय टावर लगवाने के नाम पर सबसे ज्यादा ठगी की जा रही है. टावर लगाने के लिए आपके पास ठग का फोन आता है. लालच दिया जाता है कि तुम्हारे घर पर टावर लगाया जाएगा. तुम्हारे घर में बिजली फ्री दी जाएगी. साथ ही हर महीने ₹50 हज़ार किराया भी मिलेगा. आम आदमी लालच में आ जाता है. फिर रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने के लिए इंस्टॉलेशन चार्ज और कस्टम ड्यूटी के नाम पर 50 हजार से ज्यादा रुपए ऐंठ लेता है. फिर उसका फोन हमेशा के लिए बंद हो जाता है.
ब्यूटी पार्लर या कॉन्टेस्ट के नाम पर ठगी
ब्यूटी पार्लर या ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भाग लेने के नाम पर महिलाओं को ठगी का शिकार बनाने के लिए कई मामले सामने आए हैं. ब्यूटी कॉन्टेक्स्ट में पार्टिसिपेट करनने के नाम पर रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने के लिए लिंक भेजा जाता है. लिंक पर क्लिक करते ही डिटेल ठग तक पहुंच जाती है. फिर कुछ ही मिनटों में खाते से हजारों रुपए साफ हो जाते हैं.
ऐप डाउनलोड करवाकर ठगी
कई बात कोई खास ऐप डाउनलोड करने पर गिफ्ट या फिर छूट देने का लालच दिया जाता है. ऐड डाउनलोड करते ही लॉगिन करने पर पूरी कमांड साइबर ठग के पास चली जाती है. आपको ठगी का तभी पता चलता है जब अब खाते से पैसे गायब होने का मैसेज मोबाइल पर मिलता है.
कोविड-19 वैक्सीन के नाम पर भी ठगी
कोरोना वैक्सीन लगवाने के नाम पर भी लोगों के साथ ठगी की जा रही है. सबसे ज्यादा वे लोग इन ठगों के शिकार हो रहे हैं जो कोरोना की वैक्सीन लगवा चुके हैं. दूसरी वैक्सिंग की डोज लगवाने को लेकर कई लोगों से ठगी की जा चुकी है.
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