भोपाल। देश में कोविड-19 के मामले हर दिन बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. दुनिया में भारत कोविड-19 के मामले में दूसरे स्थान पर है. इस बीच एक रिसर्च ने जनता और सरकार सब की चिंताएं बढ़ा दी है. हैदराबाद के सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलिक्युलर बायोलॉजी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी की जांच में पाया गया है कि कोरोना संक्रमण सिर्फ नाक और मुंह से तो फैलता ही है. बल्कि यह इंसानों के मल से भी फैलता है. ऐसे में सफाई कर्मचारियों के स्वास्थ्य को लेकर प्रशासन की चिंता बढ़ गई है.
सीवेज से भी फैलता है कोरोना निगम की नहीं है कोई तैयारी
मल से कोरोना संक्रमण फैलने की जांच के लिए कुछ दिन पहले हैदराबाद में सीवेज की जांच की गई. जांच में लगभग 6 लाख 60 हजार लोगों के बीमार पड़ने की बात भी सामने आई थी. हालांकि वायरस का असर इसमें काफी कम पाया गया है. भले ही वायरस का असर रिसर्च में कम पाया गया हो, लेकिन रिपोर्ट सामने आने के बाद चिंताएं बढ़ गई हैं. इस खुलासे के बाद ईटीवी भारत ने भोपाल नगर निगम से इस बारे में जानने की कोशिश कि आखिर निगम की क्या तैयारी है. इस पर कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी ने बताया कि पानी से कोरोना वायरस फैल रहा है, इससे वो इनकार नहीं कर रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा कोरोना वायरस एक दूसरे से संपर्क मे आने से फैल रहा है. सीवेज के पानी मे वायरस होने की बात मानने के बाद भी कमिश्नर द्वारा कोई तैयारी नहीं की गई है.
निगम के पास 148 सीवेज कर्मचारी
शहर में करीब 148 सीवेज कर्मचारी हैं, जो रात दिन सीवेज को साफ रखते हैं. इनकी सेफ्टी की बात करें तो नगर निगम की तरफ से इनको हैंड ग्लब्स, जूते और मास्क दिए गए हैं, लेकिन ये कर्मचारी जितनी मुसीबत भरा काम करते हैं, उसमें यह भी सुरक्षा के सामान नाकाफी नजर आते हैं. कुछ कर्मचारी तो बिना सुरक्षा के ही अपनी जान जोखिम में डालकर साफ करते हैं. वहीं नगर निगम के सीवेज डिपार्टमेंट के अधिकारी अशरफ का कहना है कि सभी कर्मचारी सुरक्षा का ध्यान रखकर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास सीवेज में कोरोना के लक्षण की जानकारी नहीं है, इसके अलावा उनके पास मेडिकल टीम भी नहीं है. उनको जैसे-जैसे निर्देश दिए जाते हैं, वो उसका वो पालन करते हैं.