भोपाल। पूरी दुनिया में क्रूड ऑयल की कीमत 40 डालर प्रति बैरल से भी नीचे चले जाने के बावजूद भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. जब लोग कोरोना की विभीषिका झेल रहे हैं, तब मोदी सरकार एक्साइज ड्यूटी के माध्यम से मुनाफा कमाने में लगी है. आज लोगों की जेब खाली हैं और गरीब को रोजगार की तलाश में आवागमन करना है. ऐसी परिस्थिति में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाना देश के ऊपर वज्रपात है.
कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता ने मोदी सरकार के फैसले की आलोचना की और कहा कि, भोपाल में लगभग 82 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत पहुंच चुकी है. इससे परिवहन खर्च बढ़ेगा और महंगाई बढ़ेगी. पहले से ही संकट का शिकार गरीब और मध्यम वर्ग अब इसकी चपेट में आ जाएगा.
भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि, आत्मनिर्भरता का नारा लगाकर केंद्र सरकार पहले ही हाथ खड़े कर चुकी है. कोरोना के सामुदायिक संक्रमण की स्थिति में पहुंचने की वजह से देश का 70 फीसदी समाज घबराया हुआ है. किसी भी घर में अगर कोई मरीज होता है तो, निजी अस्पताल उसके पूरे जीवन की कमाई इलाज के नाम पर खींच लेते हैं. ऐसी परिस्थिति में जब मध्यप्रदेश में बेरोजगारी का आकड़ा लगभग 27 फीसदी तक उछाल मार चुका है, तब गरीबों को अगर रोजगार की तलाश में दस जगह जाना पड़ता है. तो वो भी उसके लिए दुश्वार हो जाएगा.