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कोरोना से निपटने में निपट रहा 'लाखों-करोड़ों', पर नहीं बदल रहे हालात - सीएमएचओ डॉक्टर प्रभाकर तिवारी

कोविड-19 के इलाज के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन हालत जस के तस बने हुए है. मरीजों को अभी भी लंबा-चौड़ा बिल देना पड़ रहा है.

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Published : Mar 31, 2021, 10:41 AM IST

Updated : Mar 31, 2021, 11:50 AM IST

भोपाल। कई शहरों में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर सरकार अब हरकत में आ गई है. सरकार के निर्देश के बाद सभी नर्सिंग होम और प्राइवेट हास्पिटल को कोविड-19 के इलाज की दरों को रिसेप्शन काउंटर पर प्रदर्शित करना जरूरी कर दिया है, लेकिन फिलहाल कोई भी अस्पताल यह नहीं कर रहा है.

राजधानी भोपाल में कोविड अस्पताल के रूप इस बार जेके हास्पिटल को नामित किया गया है, लेकिन अभी यहां पर आयुष्मान कार्ड धारकों को इलाज नहीं दिया जा रहा है. प्रदेश सरकार ने करोड़ों रुपये की राशि खर्च कर दी है, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं.

सीएमएचओ डॉक्टर प्रभाकर तिवारी का कहना है कि नागरिकों ने अति उत्साह में लापरवाही बरती है. कोविड नियमों का पालन नहीं किया है, जिसके कारण संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क पहनना जरूरी है, लेकिन लोग इसका ध्यान नहीं रख रहे हैं.

सीएमएचओ के मुताबिक जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, एम्स और सभी निजी अस्पताओं को कोविड मरीजों के इलाज के लिए बैड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए है. हालात के हिसाब से बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जा सकती है. आयुष्मान योजना के तहत आयुष्मान कार्ड धारक कोरोना मरीजों के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैया कराई है. इसमें प्रदेश के 81 अस्पतालों को शामिल किया गया है.

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भोपाल के इन अस्पतालों में मुफ्त इलाज
आशा निकेतन, भोपाल मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल, केपिटल वेंचर सोसायटी सीबीएस अपोलो अस्पताल, केरियर इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस, चिरायु हेल्थकेयर एंड मेडीकेयर प्राइवेट लिमिटेड, चिरायु मेडिकल कॉलेज, होप हास्पिटल, जवाहरलाल नेहरू कैंसर अस्पताल, जेके अस्पताल, एलबीएस अस्पताल, महावीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, मेयो अस्पताल, निरामय, नोबल मल्टी सुपरस्पेशलिटी, पालीवार, पीपुल्स जनरल हास्पिटल, राजदीप अस्पताल, आरकेडीएफ मेडीकल कॉलेज, स्मार्ट सिटी अस्पताल, तृप्ति हास्पिटल, बीसीएच हास्पिटल.

निजी अस्पतालों में प्रति बैड का खर्च
सामान्य बैड का खर्च 6 से 8 हजार रुपए प्रति दिन लगेगा. वहीं आक्सीजन बैड(सेमी आईसीयू) का खर्च 8 से 10 हजार रुपए प्रति दिन रहेगा. इसके अलावा आईसीयू विथ वैंटीलेटर का खर्च 25 से 30 हजार रुपए प्रति दिन लगेगा.

जनवरी 2021 तक सरकार का खर्च
प्रदेश सरकार द्वारा फरवरी माह में विधानसभा में कोविड-19 को लेकर किए गए खर्च का ब्यौरा पेश किया. इसके लिए 31 जनवरी 2021 तक प्रदेश में 724 करोडं रुपए खर्च किए गए. इनमें 173 करोड़ रुपए निजी अस्पतालों को दिए गए. इसके साथ ही 30 करोड़ रुपए का त्रिकुट काढ़ा प्रदेश भर में बांटा गया. प्रदेश के 8 निजी अस्पतालों में 28964 मरीजों का इलाज हुआ. इसमें औसतन एक मरीज पर 61 हजार रुपए खर्च हुए.

इन अस्पतालों को दी गई राशि

  • भोपाल के चिरायु को 70 करोड़ रुपये.
  • इंदौर के अरविंदो हास्पिटल को 55 करोड़.
  • इंडेक्स अस्पताल इंदौर को 15 करोड़ 45 लाख.
  • अमलतास अस्पताल देवास को 6 करोड 55 लाख.
  • आर्डी गार्डी उज्जैन को 1 करोड़ 33 लाख.
  • एलएन भोपाल को 7 करोड़ 90 लाख.
  • पीपुल्स हास्पिटल भोपाल को 1 करोड़ 35 लाख.
  • सिद्धि विनायक मंदसौर को 49 लाख 70 हजार.

    इन मदों पर भी हुआ खर्चा
  • शासकीय अस्पताल में दवा पर 181 करोड़.
  • उपकरणों पर 50 करोड़.
  • कोविड केयर सेंटर पर 23 करोड़ 90 लाख रुपए.
  • आशा कार्यकर्ताओं के प्रोत्साहन पर 56 करोड 59 लाख.
  • परिवहन पर 27 करोड़ 36 लाख.
Last Updated : Mar 31, 2021, 11:50 AM IST

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