भोपाल| मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विकसित की गई आईटी पार्क की स्थिति चिंताजनक है. आईटी पार्क में उद्योग स्थापित करने आईटी कंपनियों ने सरकार से जमीन तो आवंटित करा ली, लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद भी कंपनियों ने न तो जमीन की रजिस्ट्री कराई और न ही उद्योग स्थापित किए. जिसके बाद कमलनाथ सरकार अब नए सिरे से इसकी समीक्षा शुरू करने जा रही है.
प्रदेश के आईटी पार्क में कंपनियों को नहीं रहा इंटरेस्ट, कमलनाथ सरकार नए सिरे से शुरु करेगी काम - जबलपुर
आईटी पार्क में उद्योग स्थापित करने आईटी कंपनियों ने सरकार से जमीन तो आवंटित करा ली, लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद भी कंपनियों ने न तो जमीन की रजिस्ट्री कराई और न ही उद्योग स्थापित किए.
मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में आईटी कंपनियों को लाने के लिए आईटी पार्क को विकसित किया गया था. लेकिन आईटी कंपनियों ने उद्योग स्थापित करने में अपनी रुचि नहीं दिखाई. अभी तक सिर्फ 13 कंपनियों ने ही जमीन लेने के बाद उसकी रजिस्ट्री कराई है. भोपाल और ग्वालियर आईटी पार्क की स्थिति तो और भी बुरी है. आईटी डिपार्टमेंट ने इन चारों आईटी पार्क को विकसित करने के लिए 100-100 एकड़ जमीन प्राप्त की थी. लेकिन पांच साल गुजर जाने के बाद भी एक भी शहर में पूरी तरह से आईटी पार्क का निर्माण नहीं कराया जा सका.
इंदौर के आईटी पार्क में 104 भूखंड कंपनियों के लिए सुरक्षित रखे गए थे. इसमें से 65 भूखंड आवंटित किए गए और उसमें से भी सिर्फ आठ कंपनियों ने ही जमीन की रजिस्ट्री कराई. जबलपुर आईटी पार्क में भी सिर्फ 5 इकाइयों ने अपना काम शुरू किया है. कमलनाथ सरकार के आईटी मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि जल्द ही वे आईटी पार्क का निरीक्षण करेंगे और इसको लेकर नए सिरे से समीक्षा की जाएगी.