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सीएम ने कलेक्टर्स को दिए निर्देश, दूसरे प्रदेशों के श्रमिकों के लिए जिलों में करें खाने-पीने की व्यवस्था - lockdown

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी कलेक्टर्स के साथ समीक्षा बैठक की है. इसमें सीएम ने निर्देश दिए हैं कि जिले में आने वाले दूसरे प्रदेशों के साथ भेदभाव न किया जाए और उनके खाने-पीने की व्यवस्था की जाए.

bhopal
वल्लभ भवन

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Published : May 11, 2020, 1:05 AM IST

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दूसरे प्रदेशों से ट्रेनों के माध्यम से लौट रहे मजदूरों के लिए खाने-पीने और गांव तक बसों से पहुंचाने के निर्देश दिए हैं. प्रवासी श्रमिकों के आवागमन को लेकर की जा रही व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी जिलों के कलेक्टर को निर्देश दिए कि जिलों से गुजरने वाले दूसरे प्रदेशों के मजदूरों के साथ भेदभाव ना करें. उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी की जाए. इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जन अभियान परिषद और अन्य स्वयंसेवी संगठनों की मदद लें.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दूसरे प्रदेशों में फंसे श्रमिकों को वापस लाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है और जब तक सभी श्रमिक मध्यप्रदेश वापस नहीं आ जाते, ये प्रक्रिया जारी रहेगी. मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि जिलों के लोग कहां-कहां फंसे हैं, इसकी पूरी जानकारी रखें और कंट्रोल रूम के आला अधिकारियों की मदद से उन्हें वापस लाने की व्यवस्था की जाए. मुख्यमंत्री ने औरंगाबाद की घटना पर दुख जताते हुए कहा कि ऐसी व्यवस्था करें, जिससे लोगों को पैदल ना आना पड़े. साथी वापस आने वाले श्रमिकों के भोजन, चाय-नाश्ते की व्यवस्था की जाए फिर उन्हें बसों से उनके गांव तक भेजा जाए.

दूसरे राज्यों के मजदूरों के साथ ना हो भेदभाव

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए की जिलों से गुजरने वाले दूसरे राज्यों के श्रमिकों के साथ भेदभाव ना किया जाए. ऐसे मजदूरों के खाने-पीने की व्यवस्था भी जिलों में की जाए. झाबुआ-बड़वानी जैसे जिलों में इस तरह के प्रवासी श्रमिकों का दबाव बढ़ा है. यहां हजारों की संख्या में लोग आ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों में कुछ ऐसे पॉइंट बनाए जाएं, जहां ऐसे मजदूरों को चाय-नाश्ता मिल सके. पैदल गुजरने वाले ऐसे मजदूरों को वाहन से बॉर्डर तक छोड़ने की व्यवस्था भी की जाए.

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