भोपाल: कोरोना संक्रमण के दौर में सरकार को सलाह देने की मंशा से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ लगभग रोजाना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिख रहे हैं. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कई नेता पत्रों के माध्यम से जन समस्याएं और अपनी सलाह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को दे रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ना तो उनके पत्रों का जवाब दे रहे हैं और ना ही उनके द्वारा दी गई सलाह पर कोई कदम उठा रहे हैं.
पत्रों का जबाव ना देकर सीएम कर रहे हैं लोकतंत्र का अपमान- कांग्रेस
कोरोना संक्रमण के दौर में सरकार को सलाह देने की मंशा से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ लगभग रोजाना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिख रहे हैं. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कई नेता पत्रों के माध्यम से जन समस्याएं और अपनी सलाह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को दे रहे हैं.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि खरीद फरोख्त करके शिवराज सिंह सत्ता में आए, यह सब ने देखा है. उसके बाद कोरोना संक्रमण के दौर में हमारे नेता पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और अन्य नेताओं द्वारा मध्य प्रदेश की जनता के हित में कोरोना संक्रमण के दौर में लड़ाई लड़ने के लिए पत्र लिखे जा रहे हैं लेकिन शिवराज सिंह ने किसी भी पत्र का जवाब देना उचित नहीं समझा है.
लोकतंत्र में इस तरह की व्यवस्था नहीं हो सकती है. जब कमलनाथ मुख्यमंत्री थे, तो शिवराज सिंह और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव पत्र लिखते थे. तो हमेशा सरकार कार्रवाई करती थी और पत्रों का जवाब भी देती थी. मुख्यमंत्री कमलनाथ जनता की आवाज उठाते हैं. चाहे किसानों का मामला हो, आर्थिक मुद्दे की बात हो, गरीबों का मामला हो और कोरोना संक्रमण का हो. लेकिन ना तो सरकार किसी मामले पर कार्रवाई करती है और ना ही जवाब लिखती है.