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MP Child Commission बच्चे की भावुक चिट्ठी पर बाल आयोग सक्रिय, दंपती की सुलह कराई, बच्चों ने तीन साल बाद मनाया रक्षाबंधन - बच्चों ने तीन साल बाद मनाया रक्षाबंधन

मध्य प्रदेश बाल आयोग की पहल पर रक्षाबंधन के दिन फिर से चार भाई बहन को साथ रहने का मौका मिला. दरअसल, इस पूरे मामले में आयोग की काउंसलिंग पर बीते तीन साल से अलग रह रहे पति- पत्नी एक माह के लिए साथ रहकर अपने रिश्ते को दोबारा मौका देने के लिए तैयार हुए हैं. इस पूरे मामले में दंपती के सबसे बड़े बेटे ने बाल आयोग को एक मार्मिक पत्र लिखकर गुजारिश की थी कि उसके मम्मी- पापा को समझाया जाए क्योंकि झगड़े की वजह से हम बच्चे साथ नहीं रह पा रहे हैं. MP Children commission, Made reconciliation in couple, children celebrated rakshabandhan, Couple compromise after 3 years, Child emotional letter to commission

Made reconciliation in couple
बच्चे की भावुक चिट्ठी पर बाल आयोग सक्रिय

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Published : Aug 12, 2022, 1:09 PM IST

भोपाल। दंपती के बीच आपस में चल रहे विवाद के कारण उनके दो बच्चे मां के साथ और दो बच्चे पिता के साथ रह रहे थे. ऐसे में पिता के साथ रह रहे 11 वर्षीय बेटे ने बाल संरक्षण आयोग को मार्मिक पत्र लिखा था. बच्चे ने अपने खत में लिखा था कि वह अपने दो भाई बहन से बीते तीन साल से अलग रह रहा है. कभी-कभी ही उनसे और मां से मिलने का मौका मिल पाता है. बच्चे ने बताया कि उसके माता-पिता झगड़े के बाद बीते तीन साल से अलग रह रहे हैं. वह तीन भाई और एक बहन हैं.

दो बच्चे मां तो दो पिता के पास थे :पत्र में उसने लिखा था कि उसका सबसे छोटा भाई और बहन मम्मी के साथ है. बाकी वह और उसका एक भाई पापा के साथ रहते हैं. मां रायसेन में मामा के घर रहती है. इसलिए भाई- बहन से बहुत कम मिलना हो पाता है. बच्चे ने आयोग को लिखे पत्र में अपील की थी कि उसके माता-पिता को साथ रहने के लिए समझाया जाए ताकि वह दोनों साथ रहने लगें, जिससे कि वह भी अपने अपने छोटे भाई-बहन के साथ रह पाए. बच्चे ने पत्र में बताया कि उसके भाई-बहन की वर्तमान आयु चार साल, छह साल और नौ साल है.

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बच्चे के पत्र पर आयोग ने लिया संज्ञान :बच्चे के पत्र पर बाल आयोग द्वारा दोनों पक्ष के परिवार वालों को और उनके माता-पिता को आयोग आयोग में बुलाकर काउंसलिंग की गई. तब पता चला कि दंपती के बीच कोई बहुत बड़ा विवाद नहीं है. सिर्फ ईगो आड़े आ रहा था. लेकिन सुलह की पहल के लिए कोई तैयार नहीं था. इसके अलावा परिवारों में भी इतनी कड़वाहट थी कि घर के बड़े-बुजुर्ग भी दंपती को मिलाने की पहल नहीं कर रहे थे. आयोग ने दंपती से कहा कि बच्चों की खातिर रिश्ते को एक मौका और दें. तीन- चार राउंड की काउंसलिंग के बाद दंपती इसके लिए राजी हो गए और महिला रक्षाबंधन के एक दिन पहले ही मायके से अपने ससुराल के लिए रवाना हो गई.

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