भोपाल। प्रदेश में सियासत की जड़ें हिला देने वाला व्यापमं महाघोटाला अभी तक अनसुलझा है. पिछले आठ सालों से लगातार अलग-अलग संस्थाओं द्वारा इसकी जांच की जा रही है. इस मामले में कई बड़ी हस्तियां जेल की हवा खा चुकी हैं. हालांकि ज्यादातर मामलों में आरोपी जमानत पर बाहर हैं. फिलहाल एक बार फिर सीबीआई ने व्यापमं फर्जीवाड़े के प्री-पीजी 2012 एग्जाम मामले में जांच पूरी कर ली है.
व्यापमं घोटाला: प्री-पीजी 2012 एग्जाम मामले में 28 आरोपियों के खिलाफ पेश होगा चालान
व्यापमं घोटाले में एक बार फिर सीबीआई ने रिपोर्ट पेश की है, जिसमें रिटायर्ड अधिकारी सहित 28 लोगों को आरोपी बनाया गया है. सभी आरोपियों पर प्री-पीजी 2012 में पैसे लेकर परीक्षा पास कराने के आरोप लगे हैं.
सीबीआई इस मामले में 28 आरोपियों सहित रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी आरके शिवहरे के खिलाफ चालान पेश करने की तैयारी में है. वहीं दो रिटायर्ड आईएएस अधिकारी रंजना चौधरी और केसी जैन को सीबीआई की ओर से राहत मिल सकती है. बताया जा रहा है कि दोनों को क्लीन चिट दे दी गई है. यही वजह है जिन आरोपियों के नाम सामने आए हैं, उनमें इन दोनों ही अधिकारियों का नाम शामिल नहीं है.
बता दें कि सभी आरोपियों पर प्री-पीजी 2012 परीक्षा में 50 से 75 लाख रुपए लेकर स्नातक डॉक्टरों को पास कराने के आरोप लगे हैं. इसमें श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस सिम्स में प्रवेश पाने वाले अभ्यर्थी डॉक्टर भी शामिल हैं, जिन पर व्यापमं के अधिकारियों के साथ मिलकर परीक्षा पास कराने का आरोप लगा है.