भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के बाद मध्यप्रदेश में ग्वालियर-चंबल संभाग की राजनीति पूरी तरह से बदल गई है. आलम ये है कि, ग्वालियर-चंबल संभाग के बीजेपी नेता और पिछले चुनाव में किस्मत अजमाने वाले नेता पशोपेश में हैं. उन्हें अपना सियासी भविष्य खतरे में नजर आ रहा है. जिसकी वजह से प्रदेश बीजेपी को ग्वालियर-चंबल संभाग में भितरघात का डर सता रहा है. यही वजह है कि, बीजेपी के वरिष्ठ नेता इन असंतुष्टों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं.
प्रदेश में जल्द ही 24 सीटों पर उपचुनाव होने वाला हैं. इनमें से ज्यादातर सीटें ग्वालियर-चंबल संभाग और सिंधिया के प्रभाव वाले क्षेत्रों की हैं. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए सिंधिया समर्थक विधायकों को ही इन सीटों से टिकट मिलना लगभग तय माना जा रहा है. ऐसे में अगर सिंधिया समर्थक इन सीटों से चुनाव लड़ते हैं, तो बीजेपी के पुराने नेताओं का सियासी भविष्य खतरे में नजर आ रहा है. शायद यही वजह है कि, ग्वालियर-चंबल संभाग के बीजेपी नेता, सिंधिया समर्थकों की बीजेपी में एंट्री से खासे नाराज हैं.