भोपाल। मध्यप्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों पर हुए चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले बीजेपी विधायक गोपीलाल जाटव पर बीजेपी का केंद्रीय संगठन फिलहाल कोई एक्शन लेने के मूड में नहीं है. पार्टी के सामने उपचुनाव की चुनौती है. इसमें भी ग्वालियर-चंबल की वे सीटें शामिल हैं, जहां जाटव समाज का दबदबा है.
उपचुनाव: क्रॉस वोटिंग के बावजूद MLA पर कार्रवाई न करना, कहीं मजबूरी तो नहीं
राज्यसभा की तीन सीटों के लिए हुए मतदान में क्रॉस वोटिंग करने वाले बीजेपी विधायक गोपीलाल जाटव पर बीजेपी का केंद्रीय संगठन फिलहाल कोई एक्शन लेने के मूड में नहीं है. पार्टी के सामने उपचुनाव की चुनौती है. इसमें भी ग्वालियर-चंबल की वे सीटें शामिल हैं, जहां जाटव समाज का दबदबा है.
बता दे कि, राज्यसभा चुनाव से पहले बीजेपी की 2 दिन की मैराथन बैठक, एक- एक विधायक पर नेताओं की नजर और मॉक पोल कराकर कैसे वोट डालना हैं, उसकी ट्रेनिंग दी गई, उसके बावजूद बीजेपी की मेहनत बेकार गई और क्रॉस वोटिंग से नहीं बचा पाए, वहीं दूसरे विधायक जुगल किशोर बागड़ी का वोट निरस्त हो गया, लेकिन मजबूत संगठन का दावा करने वाली बीजेपी की मजबूरी देखिए कि, वो गोपीलाल जाटव पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है.
दरअसल गोपीलाल जाटव ग्वालियर चंबल क्षेत्र से हैं, वहां पर 16 सीटों पर उपचुनाव होना है. ऐसे में पार्टी जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण साधने के लिए बैकफुट पर नजर आ रही है. पार्टी नहीं चाहती कि, जाटव पर कार्रवाई करने के बाद उपचुनाव में जाटव समुदाय के वोट बैंक का नुकसान हो. लिहाजा कयास यही लगाए जा रहे हैं कि, संगठन ने बातचीत के बाद पूरे मामले को फिलहाल रोक दिया गया है. गौरतलब है कि, राज्यसभा चुनाव में गोपीलाल जाटव ने सिंधिया के विरोध में दिग्विजय सिंह को वोट किया था. जिसके बाद से बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश संगठन से नाराज है.