भोपाल। बिलखिरिया गांव में युवाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत का एक नया उदाहरण पेश किया है. यहां के युवाओं ने आत्मनिर्भर भारत को लेकर जुगाड़ से एक जिम का शुरू किया है. दरअसल गांव के युवाओं ने गणेश स्थापना के लिए पैसे इकट्ठा किए थे, लेकिन कोरोना काल में सार्वजनिक आयोजन पर प्रतिबंध है. ऐसे में युवाओं ने नया प्रयोग करते हुए उस पैसे से अपने गांव में जिम शुरू किया है, ताकि गांव के सभी युवा जिम में पसीना बहाकर अपने आप को फिट रख सकें.
कोरोना काल में युवाओं के इस नए प्रयोग ने वाकई अन्य युवाओं को भी कुछ नया करने के लिए प्रेरित किया है. आत्मनिर्भर बनने की दिशा में युवाओं ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए जुगाड़ से जिम शुरू किया है. जिसमें एक्सरसाइज करने के लिए कई ऐसी मशीनें हैं जो जुगाड़ से बनाई गई हैं. जिनमें ट्रक के गेयर चक्की के पाटे और चार पहिया वाहन के टायर शामिल हैं.
गणेश उत्सव के चंदे से खोला जीम
मोनू मीणा ने कहा कि इस बार कोरोना के कारण गणेश प्रतिमा की स्थापना पर रोक थी. तो बिलखिरिया गांव के युवाओं गणेश चतुर्थी के चंदे और अलग-अलग वाहनों के सामान को इक्कठा कर जैसे ट्रक के गियर की घिर्री बनाई और उससे जुगाड़ की जिम तैयार की. जिम ट्रेनर विनोद रत्नाकर ने कहा कि गांव के युवाओं ने जिम खोलने की इच्छा जताई तो उन्होंने मिलकर जुगाड़ से सामान जुटाया और इसके साथ ही गांव के सरपंच ने भी जिम खोलने के लिए एक कमरा दे दिया और उसके बाद युवाओं ने मशीनें लगाकर जिम करना शुरू कर दिया.
गणेश चतुर्थी के चंदे के पैस और जुगाड़ से बनाई जिम
दरअसल त्योहार के सीजन में गणेश उत्सव के ही युवाओं ने गणेश स्थापना के लिए पैसे इकट्ठे किए थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण सभी सार्वजनिक आयोजनों पर प्रतिबंध है. ऐसे में युवाओं ने कुछ नया सोचते हुए जिम बनाने का संकल्प लिया और देखते ही देखते जिम शुरू भी हो गया है. जिम करने वाले युवाओं का कहना है कि जब वह शहर जाते थे और आधुनिक जिम देखते थे, जिसमें गांव में भी ऐसी कोई जिम हो जहां पर वह सभी एक्साइज कर अपने आप को स्वस्थ रख सके, लेकिन युवाओं ने जुगाड़ टेक्नोलॉजी की मदद से गांव में जिम का सपना पूरा कर दिया. जिम ट्रेनर विनोद रत्नाकर के मुताबिक गांव के युवाओं के जज्बे को देखते हुए गांव के सचिव और विधायक निधि की मदद से सार्वजनिक भवन में जिम शुरू किया गया है.