भोपाल।कोरोना संक्रमण काल के पहले दिन से पुलिस ने बिना डरे अपना फर्ज निभाया. इस दौरान कोविड से प्रदेशभर के 156 पुलिस कर्मचारियों ने अपनी जान भी गंवा दी. वहीं इनमें से 150 पुलिसकर्मियों के परिजनों को सरकार के वादे का इंतजार है. इन 150 पुलिसकर्मियों के परिजनों को अब तक कोरोना योद्धा के तहत 50 लाख रुपए की राशि नहीं मिली है. जबकि 38 पुलिसकर्मियों के केस को रिजेक्ट तक कर दिया गया है.
सरकार ने क्या किया था वादा
कोरोना संक्रमण के दौरान ड्यूटी करने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना योद्धा का दर्जा दिया गया था. सरकार ने तय किया था कि ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स का सरकार निशुल्क इलाज कराएगी. वहीं यदि इलाज के दौरान कर्मचारी की मौत होती है तो सरकार ऐसे कर्मचारियों के परिजन को 50 लाख रुपए देगी. इसके अलावा कर्मचारी के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी. शुरुआत में स्वास्थ्य, पुलिस और करीब एक दर्जन विभागों के कर्मचारियों को भी इसका लाभ दिया गया.
कोरोना संक्रमण से 156 पुलिसकर्मियों की गई जान
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान प्रदेशभर में 15़6 पुलिसकर्मियों की जान कोरोना से गई, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते बलिदान हुए पुलिसकर्मियों को राशि देने का काम सरकार बेहद धीमी गति से कर रही है. अभी तक 15़6 में से सिर्फ 6 पुलिसकर्मियों को ही शासन द्वारा घोषित 50 लाख रुपए की राशि का लाभ दिया गया है, जबकि 112 पुलिसकर्मियों के मामले अभी भी विचाराधीन हैं. वहीं 38 मामले ऐसे हैं, जिनके प्रकरण अस्वीकृत कर दिए गए.