भोपाल।ऑनलाइन ट्रांसजेक्शन के समय यदि आपसे कोई क्यूआर कोड (QR Code) मांगे तो सतर्क हो जाएं. बिना सोचे समझे ऐसा करने पर आप ऑनलाइन ठगी के शिकार हो सकते हैं. जालसाज लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाने के लिए नए-नए तरीके आजमा रहे हैं. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय पिछले दिनों एक आईएएस अधिकारी भी ठगी का शिकार हो चुके हैं. ओटीपी पूछकर ठगी करने के पुराने तरीकों को छोड़ अब जालसाज लिंक भेजकर भी लोगों की कमाई पर डाका डाल रहे हैं. यह खबर आपके लिए जानना जरूरी है, इसलिए जरूर पढ़े.
पिछले कुछ दिनों में यह घटनाएं आई सामने
मामला नंबर.1-आईएएस हुए ठगी के शिकार
आईएएस अधिकारी लोकेश कुमार ने ऑनलाइन शराब खरीदने के लिए इंटरनेट पर सर्च किया. इस दौरान उन्हें एक वाॅट्सऐप नंबर मिला. अधिकारी ने नंबर पर संपर्क किया. कुछ देर बाद उन्हें एक काॅल आया, जिसमें व्यक्ति ने खुद को शराब दुकान का कर्मचारी बताया. फोन पर व्यक्ति ने कहा कि शराब के लिए आईएएस अधिकारी को यूपीआई से एडवांस में 8500 रुपए देने होंगे. जिसके बाद अधिकारी ने पैसे ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद जालसाज ने बताया कि पेमेंट नहीं हुआ है. फिर उसने भुगतान के लिए यूपीआई क्यूआर कोड मांगा और अधिकारी के बैंक खाते से चालाकी से 17 हजार रुपए निकाल लिए.
मामला नंबर.2- व्यापारी के साथ ऑनलाइन ठगी
भोपाल के हबीबगंज इलाके में रहने वाले व्यापारी ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदने के लिए ऑनलाइन कंपनी की जानकारी ली. इसके बाद व्यापारी ने कंपनी से फोन पर बात की, तो विपिन शर्मा नाम युवक ने मुंबई की सुरभि इंटरप्राइजेस कंंपनी का कर्मचारी बनकर 18 लाख का बिल भेज दिया. जीएसटी नंबर होने की वजह से व्यापारी ने इस पर भरोसा कर दिया. पेमेंट के बाद आरोपी ने मोबाइल बंद कर लिया.
मामला नंबर.3- जानसाज ने लिंक भेजकर की ठगी
भोपाल के गोविंदपुरा इलाके में रहने वाले सुमित सिंह टीवी प्रोग्राम केबीसी (KBC) में एंट्री के लिए कोशिश कर रहे थे. इस दौरान उनके पास केबीसी के नाम एक लिंक मिली. लिंक पर जैसे ही सुमित ने डिटेल भरकर भेजी, तो इसके बाद उनके मोबाइल से 7800 रुपए निकल गए.