भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार द्वारा पहली कैबिनेट की बैठक में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने और खुले में मांस के विक्रय पर रोक लगाई जाने को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस ने सरकार के फैसले का विरोध किया है. कांग्रेस के अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले विधायक आरिफ मसूद ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की भाजपा सरकार दुर्भावना से काम कर रही है. उधर कांग्रेस के बयान पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने पलटवार किया है. भाजपा विधायक ने कहा कि ''क्या कांग्रेस विधायक सुप्रीम कोर्ट से बड़े हो गए हैं, यदि उन में हिम्मत है तो वह नियम तोड़कर दिखाएं.''
कैबिनेट बैठक में आधा दर्जन फैसले: मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभालने के बाद मोहन यादव सरकार द्वारा बुधवार को कैबिनेट की पहली बैठक बुलाई. बैठक में आधा दर्जन से ज्यादा फैसले लिए गए. बैठक में मध्य प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों के उपयोग पर रोक लगाने के आदेश दिए गए. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद गृह विभाग ने तत्काल इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए. गृह विभाग ने 15 दिनों मे प्रदेश भर से लाउडस्पीकरों को लेकर रिपोर्ट तलब की है. इसके अलावा मध्य प्रदेश में खुले में मीत और अंडा बेचने पर भी पाबंदी लगाई गई है.
कांग्रेस ने जताया फैसले का विरोध:सरकार कै फैसले को कांग्रेस ने दुर्भावना पूर्ण बताया है. कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि ''अगर उन्होंने रोजगार पर या महंगाई पर फैसला लिया होता तो हम उसका स्वागत करते. उन्होंने ऐसा बयान दिया है जिसने साबित कर दिया है कि प्रदेश में विकास नहीं दुर्भावना चलेगी. आदेश कोई नया नहीं है, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मैंने भी अध्ययन किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहीं भी प्रतिबंध शब्द का उपयोग नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में सीमित आवाज में उपयोग का कहा है. मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री ने भ्रम फैलाने का काम किया है.'' कांग्रेस विधायक आतिफ अकील ने कहा कि ''सरकार को लाउडस्पीकरों पर रोक नहीं लगानी चाहिए.''