भोपाल। आयुक्त कोष के एक आदेश के चलते मध्यप्रदेश में एक लाख से ज्यादा कर्मचारियों को मार्च माह की सैलरी नहीं मिलेगी. इस फैसले पर कर्मचारी भी लामबंध हो गए हैं और अपना आक्रोश जता रहे हैं. दरअसल आयुक्त कोष ने आदेश निकाला है कि जिन कर्मचारियों के मोबाइल नंबर सॉफ्टवेयर में दर्ज नहीं है, उन्हें मार्च माह की सैलरी नहीं मिलेगी.
प्रदेश के 1 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के मार्च माह के वेतन पर संकट, मोबाइल नंबर बना वजह
आयुक्त कोष के एक आदेश के चलते मध्यप्रदेश में एक लाख से ज्यादा कर्मचारियों को मार्च माह की सैलरी नहीं मिलेगी. वहीं इस पर कर्मचारियों ने भी लामबंध होकर अपनी आपत्ति जताई है. कर्मचारियों के मुताबिक आयुक्त का आदेश पूरी तरह गलत है.
आयुक्त कोष एवं लेखा के इस फैसले से अकेले राजधानी भोपाल में कार्यरत 35 हजार और प्रदेश भर में करीब एक लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे. आदेश के अनुसार जब तक कर्मचारियों के व्यक्तिगत जानकारी और मोबाइल नंबर डेटा सॉफ्टवेयर में दर्ज नहीं होगी, तब तक उन्हें सैलरी नहीं मिलेगी.
कर्मचारियों का आरोप है कि जिस सॉफ्टवेयर में नंबर अपडेट कराने का आदेश निकाला गया है, वह ठीक से चलता तक नहीं है. ऐसे में जब सॉफ्टवेयर ही नहीं चलता तो वे कैसे उसमें नंबर दर्ज कराएंगे. ये समस्या पिछले एक साल जस की तस बनी हुई है. कर्मचारियों का कहना है कि शासन जिस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहा है वो टाटा कंपनी का है, लेकिन वह आजतक ठीक से काम नहीं करता. साथ ही उन्होंने इस निर्णय को पूरी तरह गलत बताया. वहीं मामला बढ़ने पर कर्मचारी नेता ने भी सरकार को पत्र लिखा है कि कर्मचारियों का वेतन न रोका जाए.