इंदौर/भोपाल। नए कृषि कानून के खिलाफ किसान का आंदोलन जारी है. 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद की घोषणा की है. भारत बंद के आव्हान के बाद कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकारों की भी चिंताएं बढ़ गई हैं. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस किसानों और लोगों को बरगलाने का काम कर रही है. वहीं इस बारे में प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने दावा किया है कि भारत बंद को लेकर राज्य सरकार की पूरी तैयारियां है, जहां तक विरोध का सवाल है तो कई विरोधी संगठन किसानों को भ्रमित कर रहे हैं लेकिन उनके मंसूबे कामयाब नहीं होंगे. मध्यप्रदेश का किसान शिवराज सरकार के साथ है.
नरोत्तम मिश्रा ने साधा निशाना गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने साधा निशाना
भारत बंद के आह्वान और किसान आंदोलन को लेकर प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस किसानों और लोगों को बरगलाने का काम कर रही है. मैं पूछना चाहता हूं कि 70 साल से वह देश चला रहे थे. अगर उनका कानून इतना ही सही था तो किसान कर्जे में क्यों था और किसान आत्महत्या क्यों कर रहे थे. अच्छी चीजों का कांग्रेस हमेशा से विरोध करती आई है.
नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि सीएए पर भी उन्होनें लोगों को भड़काने का काम किया था. कांग्रेस का कहना था कि तीन पीढ़ियों का कागज दिखाना पड़ेगा, नहीं तो पाकिस्तान भगा देंगे. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. नए कृषि कानून पर भी कांग्रेस के लोग विरोध कर रहे है. उनका कहना है कि पहली बार देश में प्रधानमंत्री देश में ऐसा कानून लाएं है, जिससे किसानों कि जिंदगी बदल सकती है.
'मध्यप्रदेश का किसान सरकार के साथ'
केंद्र सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत के बावजूद किसान संगठन कृषि विधेयक बिल को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं. इस बीच किसानों के संयुक्त संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. भारत बंद के चलते मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से मध्यप्रदेश की ओर जाने वाले मार्गों पर किसानों की सतत आवाजाही रहेगी. इस बीच कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि मोदी सरकार के कृषि विधेयक बिल भविष्य में किसानों की समृद्धि के द्वार खुलेंगे. लेकिन जो राजनीतिक दल इस बिल का विरोध कर रहे हैं. वह बीते 70 सालों में किसानों का भला नहीं कर पाए. उन्होंने कहा अब जबकि मोदी सरकार किसानों के हित में दूरगामी फैसले ले रही है, तो सरकार के विरुद्ध किसानों को भड़का कर विरोध का माहौल बनाया जा रहा है. हालांकि सरकार इससे निपटने के लिए तैयार है. इसके अलावा किसान जो आंदोलन कर रहे हैं वह लोकतांत्रिक होगा क्योंकि लोकतंत्र में सभी को विरोध करने का अधिकार है.