भिंड। 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग 3 नवंबर को हो चुकी है. उपचुनाव जीतना बीजेपी और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है. क्योंकि 28 सीटों में से 22 दिग्गज नेताओं का राजनीति भविष्य उपचुनाव के परिणाम तय करेगा, जो कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए हैं, साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की भी साख दांव पर लग गई है. कांग्रेस के लिए भी उपचुनाव जीताना उतना ही अहम है. ये तो 10 नवंबर को ही पता चलेगा, कि प्रदेश में शिवराज सरकार सत्ता पर कबिज रहती है या फिर सत्ता परिवर्त होगा.
भिंड जिले की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए है, जिसमें से एक मेहगांव विधानसभा और दूसरा गोहद. मतदान के बाद जनता के बीच प्रत्याशियों की हार जीत को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. ईटीवी भारत ने भी मेहगांव विधानसभा की जनता के बीच पहुंच लोगों से उनकी राय जानी. मेहगांव की जनता में उपचुनाव के मतदान की मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. जब जनता से मतदान के बाद के माहौल पर चर्चा की, तो लोगों ने कहा कि, मतदान तो हो चुके हैं अब तो बस नतीजों का इंतजार है. दोनों ही दिग्गजों ने पूरी दमखम से मेहनत की है. मुकाबला भी टक्कर का होगा, क्योंकि एक तरफ मंत्री हैं, तो दूसरी और पूर्व नेता प्रतिपक्ष का बेटा और पूर्व विधायक, दोनों ही प्रत्याशियों में कांटे की टक्कर रही है.
कांग्रेस का पक्ष मजबूत
मेहगांव विधानसभा सीट बीजेपी के प्रत्याशी ओपीएस भदौरिया हैं, तो कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक हेमंत कटारे उम्मीदवार हैं. चर्चा में ज्यादातर लोगों ने कांग्रेस की जीत की ओर इशारा किया. ज्यादातर लोग का कहना है कि, इस बार क्षेत्र में कांग्रेस को ज्यादा मत हासिल होने वाले हैं, जिसके पीछे का कारण पूछने पर लोगों ने कहा कि, बीजेपी को 15 साल दिया गया. वो जितना विकास कर सकते थे, उतना किया नहीं, इसलिए इस बार कांग्रेस को ज्यादा वोट मिलेंगे.