भिंड। गोहद जनपद में दस ग्राम पंचायतों में घोटालों का मामला 2018 में सामने आया था. अब एक लंबे इंतजार के बाद इन घोटालों में शामिल दस सचिवों पर गाज गिरी है. जिला पंचायत सीईओ ने मामलों में दोषी पाए इन दस सचिवों को निलंबित कर दिया है साथ ही कानूनी कार्रवाई होने की भी बात कही है.
भिंड: पंचायतों के निर्माण कार्यों में घोटाला, 14 महीने बाद दस सचिवों पर गिरी गाज - कानूनी कार्रवाई
गोहद जनपद की दस ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिव ने मनरेगा के तहत होने वाले निर्माण कार्यों में जमकर घोटाले किए.इन घोटालों में शामिल दस सचिवों पर गाज गिरी है.जिला पंचायत सीईओ ने मामलों में दोषी पाए इन दस सचिवों को निलंबित कर दिया है.
गोहद जनपद की दस ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिव ने मनरेगा के तहत होने वाले निर्माण कार्यों में जमकर घोटाले किए. मुक्तिधाम निर्माण से लेकर सौंदर्यीकरण निर्माण कार्यों में बड़ी गड़बड़ियां की. जहां मुक्तिधाम के निर्माण में ढाई लाख रुपए खर्च किए जा सकते थे लेकिन सरपंच और सचिव ने मुक्तिधाम निर्माण के नाम पर 14 लाख रुपए की राशि खर्च की गई.
ऐसे ही पिपरसाना में भी मुक्ति धाम के निर्माण में लाखों का गबन किया गया. इतना ही नहीं चितौरा में पत्थर का नाला निर्माण रोड, पुलिया, और पशु अवरोधक दीवारों के कार्य को लेकर गड़बड़ी की गई. गुरिखा, बिरखडी, फतेहपुर, आलोरी समेत इन दस ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिवों ने जमकर अपनी जेब भरी. मजदूरों की जगह मशीनों से काम कराया गया और मजदूरों के नाम पर भुगतान कर दिया गया.
मामला जब 2018 में जिला पंचायत सीओ की नजर में आया तो इन ग्राम पंचायतों की जांच के लिए मार्च 2018 में एक जांच दल बनाया गया था. आठ अगस्त 2018 को इन सचिवों को नोटिस जारी कर दिए गए थे. वहीं लंबे समय के बाद अब जिला पंचायत सीईओ ने दस ग्राम पंचायतों के सचिवों को निलंबित कर दिया है.