भिंड।जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण आहार वितरण को जिम्मेदारी स्व-सहायता समूहों को दी गई है. एक समूह को 10 केंद्रों पर वितरण का प्रावधान है. ऐसे में महिला बाल विकास विभाग भिंड की ओर से अपर कलेक्टर ने भिंड शहरी क्षेत्र में केंद्रों पर पोषण आहार वितरण करने में लापरवाही बरतने वाले समूह कैला देवी महिला स्व सहायता समूह, भोलेशंकर महिला स्वसहायता समूह परियोजना शहरी भिण्ड, स्मृति महिला स्वसहायता समूह परियोजना भिण्ड शहरी, लोडी माता महिला स्वसहायता समूह परियोजना मेहगांव, विराट महिला स्वसहायता समूह परियोजना मेहगांव सिद्व बाबा महिला स्व-सहायता समूह परियोजना मेहगांव के साथ ग्रामीण क्षेत्र से गोरमी परियोजना के तहत आने वाले जगदंबा महिला स्व सहायता समूह को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिवस में जवाब मांगा गया है.
नहीं बंट रहा नियमित पोषण आहार:जारी किए गए नोटिस में बताया गया है कि, इन तीनों केंद्रों पर 2 नवंबर को विभागीय योजनाओं की समीक्षा के लिए संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग चंबल संभाग द्वारा अलग अलग दिवस में आंगनवाड़ी केंद्र के संचालन और केंद्र पर विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए, साथ ही आंगनवाड़ी केंद्रों पर नाश्ता भोजन की जांच के लिए संपर्क किया गया था. जिसमें परियोजना गोरमी के तहत केंद्र लालपुरा 01 और आंगनवाड़ी केंद्र लालपुरा 02 पर जगदंबा महिला स्व सहायता समूह द्वारा बच्चों को केंद्र पर नास्ता या भोजन नहीं दिया गया. जिसकी जानकारी जांच के दौरान सामने आई है.
पोषण आहार बांटने पर लापरवाही:इसी तरह भिंड शहरी परियोजना के तहत आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 1/3 और केंद्र क्रमांक 1/4 इस बार भी कैलादेवी स्व सहायता समूह से आंगनवाड़ी केंद्रों पर भोजन नास्ता नहीं भेजा गया. जांच के दौरान बताया गया कि, दोनों केंद्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा समूह से संपर्क किया गया तो उन्हें कैलादेवी स्व सहायता समूह द्वारा सिर्फ मंगलवार को ही नाश्ता भोजन वितरण कराए जाने की बात कही गई. अन्य दिवसों में वितरण ना कराने की बात कार्यकर्ताओं को बताई गई. यानी कहा जा सकता है कि छह दिन का और पोषण आहार बांटने से कैलादेवी महिला स्व सहायता समूह के द्वारा मना कर दिया गया है. इसके अलावा शहरी क्षेत्र के ही केंद्र क्रमांक 11/4 और 11/8 पर कई बार भोजन में दाल चावल दिए गए जबकि नाश्ता नहीं बांटा गया. जिसकी ज़िम्मेदारी स्मृति महिला स्व सहायता समूह की थी. इनकी तरह ही मेहगांव परियोजना के चार समूहों को भी नोटिस जारी किए गए हैं. जिनमें कहीं नाश्ता तो कहीं भोजन नहीं बांटा जा रहा है.