भिंड। मध्यप्रदेश की मोहन सरकार के मंत्रिमंडल का गठन हो चुका. 28 मंत्रियों ने शपथ ली है. इसमें 18 कैबिनेट और 10 राज्यमंत्री हैं. कैबिनेट में जगह पाने वालों में भिंड जिले के मेहगांव विधानसभा क्षेत्र का कोई विधायक दूसरी बार मंत्री बना है, चेहरा अलग है लेकिन इस बार जिम्मेदारी पहले से बड़ी है. मेहगांव से विधायक चुने गए राकेश शुक्ला कैबिनेट मंत्री बन गए हैं. इस कैबिनेट में वह भिंड जिले के इकलौते मंत्री. उनके मंत्री बनने से क्षेत्र के लोगों और उनके समर्थकों में काफ़ी उत्साह है. Minister Rakesh shukla political journey
जातीय समीकरण साधा :वरिष्ठ पत्रकार अनिल शर्मा कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी जातीय समीकरणों का ध्यान रखना अच्छे से जानती है. यही वजह है विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट में फेरबदल किया गया. उसका फ़ायदा मिला भी. मेहगांव क्षेत्र से राकेश शुक्ला 22 हजार से अधिक मतों से जीते, जो पूरे ज़िले में सबसे अधिक जीत का अंतर था. वह ज़िले में बहुसंख्यक ब्राह्मणों को साधने के लिए अच्छा विकल्प हैं. साथ ही उनकी छवि भी साफ़ सुथरी है. संगठन के साथ ही जनता में भी अच्छी पकड़ रखते हैं. वह किशोरावस्था से ही संघ से जुड़ गये थे. यही वजह कि जनता और सरकार दोनों ने ही उन पर भरोसा दिखाया है. MP cabinet caste equations
पिता के निधन के बाद लड़ा पहला चुनाव :राकेश शुक्ला के पिता बीजेपी से जुड़े थे. 1982 से 85 तक वे बीजेपी के ज़िला अध्यक्ष भी रहे. 1997 में उनके निधन के बाद राकेश शुक्ला ने तजनीति में कदम रखा. वह छात्र जीवन में ही संघ से जुड़ चुके थे. ऐसे में बीजेपी से उन्होंने सक्रिय राजनीति शुरू की. 1998 में राकेश शुक्ला को पार्टी ने मेहगांव से विधानसभा चुनाव में उतारा था. उनके प्रतिद्वंदी हरिसिंह नरवारिया को उन्होंने शिकस्त दी और पहली बार में विधायक बन गये. इसके बाद 2003 में भी उन्हें टिकट मिला लेकिन हार गये. 2008 में एक बार फिर पार्टी ने उन्हें मौक़ा दिया तो राकेश शुक्ला जीत दर्ज कराते हुए दूसरी बार विधायक बने, लेकिन 2013 में बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया, जिससे नाराज़ होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं पाये. Minister Rakesh shukla political journey